________________
सञ्चालकीय वक्तव्य
++++++
++
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठानमे मार्च सन् १९५६ ई तक सगृहीत ४००० हस्तलिखित ग्रन्थोका विषयवार सूची-पत्र हम "हस्तलिखित ग्रन्थोकी सूची, भाग १" के रूपमे प्रकाशित कर चुके है
और मार्च सन् १९५८ ई तक सगृहीत हस्तलिखित ग्रन्थोका विपयवार सूची-पत्र सप्रति यन्त्रस्थ है एव शीघ्र ही प्रकाशित होगा। प्रतिष्ठानमे सस्कृत, प्राकृत, अपभ्र श और हिन्दीके साथ ही राजस्थानी भाषाके हस्तलिखित ग्रन्थोका भी बडा संग्रह हो गया है, जिनके सूची-पत्रकी माग सबद्ध विद्वानो और अन्य जिज्ञासुओ द्वारा बराबर की जा रही है। वस्तुत देश-विदेशमे सर्वत्र प्राप्य राजस्थानीभाषा-निबद्ध समस्त हस्तलिखित ग्रन्थोका सूची-करण एक विशेष महत्त्वपूर्ण कार्य है, जिसके लिये सुचारु प्रयत्न होना अपेक्षित है । इसी दृप्टिसे हम राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुरमे मार्च मन् १९५८ ई तक सगृहीत २१६६ राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थोकी प्रस्तुत सूची प्रकाशित कर रहे है । भविष्यमे भी राजस्थानी भाषाके हस्तलिखित ग्रन्थोकी पृथक् सूची प्रकाशित करनेका कार्य चालू रहेगा और यथावसर वे सूचियाँ विद्वानोके सामने आती रहेगी। इस प्रतिष्ठानमे अथवा अन्यत्र प्राप्त होनेवाले वैयक्तिक सग्रहोकी सूचियाँ भी यथाक्रम उपस ग्रह-सूची या परिशिप्टके रूपमे प्रकाशित करते रहना हमारा लक्ष्य है।
प्रस्तुत सूचीके प्रकाशन-व्ययका श्रद्धेश केन्द्रीय भारत सरकारने प्रान्तीय भाषा-विकास योजनाके अन्तर्गत प्रदान करना स्वीकार किया है तदर्थ हम आभार प्रदर्शित करते है।