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२५. सोच्चा भगवनी अणगाराणं वा इहमेगेसि णायं भवइ
एस खलु गंथे,
एस खलु मोहे,
एस खलु मारे,
एस खलु णरए ।
२६. इच्चत्थं गड्दिए लोए ।
२७. जमिणं विरूवरूवेहि सत्यहं पुढवि-कम्म-समारंभेणं पुढवि-सत्यं समारंभमाणे o गरूवे पाणे विहिंसइ ।
२८. से बेमि
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अप्पे अंधमभे, पेगे अंधमच्छे, अप्पे पायमन्भे, अयेगे पायमच्छे,
प्पे गुप्फमब्भे, अप्येगे गुप्कमच्छे, अप्पे जंधमध्भे, अप्पेगे जंघमच्छे, अप्पे जाणुमब्भे, अपेगे जाणुमच्छे, अप्पेगे ऊरुमब्भे, अप्पेगे ऊरुमच्छे, अप्पे कमिवभे अप्पेगे कडिमच्छे,
प्पे णाभिमन्मे अप्पे णाभिमच्छे, अप्पे उवरमभे, अप्पेगे उयरमच्छे, अप्पेगे पासमभे, ग्रप्पेगे पास मच्छे, अप्पे पिट्टमभे, श्रप्पेगे पिट्ठमच्छे, अप्पे उरमभे अप्पेगे उरमच्छे, अप्पे हिययमवभे अप्पेगे हिययमच्छे, अप्पे थणमब्भे, अप्पेगे थणमच्छे, अप्पेगे खंधमन्भे, श्रप्पेगे खंधमच्छे,
पेगे बाहुममे अप्पेगे वाहुमच्छे, अप्पे हत्थमभे अप्पेगे हत्थ मच्छे, अप्पे अंगुलिम, श्रप्पेगे अंगुलिमच्छे, अप्पेगे हममे, प्रप्येगे णहमच्छे, अप्पे गीवमब्भे, अप्पेगे गीवमच्छे,
श्रीयार-सुतं