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________________ 1145146145454545454545454545454545 आचार्य वीरसेन और धवला की गणितीय प्ररूपनायें आ. वीरसेन का परिचय, षट्खंडागम के सशक्त टीकाकार आO वीरसेन का वंशगत परिचय उपलब्ध नहीं है। पर उनका साधु जीवन और रचनाकाल उनके ही द्वारा लिखित प्रशस्ति से अनुमानित होता है। संशोधकों ने उनका काल 743-823 - ई. के लगभग माना है। वे पंचस्तूपान्वय के आचार्य थे और एलाचार्य ने वर्तमान चित्तौड़गढ़ में उन्हें शिक्षा-दीक्षा दी थी। उसके बाद वे वटग्राम (वर्तमान बड़ौदा गुजरात) गये और कुछ काल बाद वे राष्ट्रकूटों के राज्य-क्षेत्र में पहुंचे। यह कहना कठिन है कि वे उत्तरभारत के थे या दक्षिण भारत के। फिर भी, उनका झकाव दक्षिण प्रतिपत्ति की ओर था। इससे उनके दक्षिण भारत या उसके समीपवर्ती क्षेत्र का होना संभावित है। ऐतिहासिक तथ्यों से पता चलता है कि वीरसेन के समय में आधुनिक गुजरात का बड़ौदा सहित काफी क्षेत्र राष्ट्रकूटों के अधीन था फलतः उन्हें शौरसेनी उत्तरभारत के मूल का माना जा सकता है। संभवतः बड़ौदा में वप्पदेव कृत 'षट्खंडागम' की व्याख्या प्रज्ञप्ति' नामक अधूरी टीका मिली। इसने उन्हें इस पर पूरी टीका लिखने की प्रेरणा दी। उनकी यह टीका 72000 श्लोक प्रमाण है जिसे उन्होंने संभवतः 3000 श्लोक प्रति वर्ष के हिसाब से 24 वर्ष में पूर्ण किया होगा। यह रचना 816 ई0 के अक्तूबर मास में पूर्ण हुई। इसके बाद उन्होंने जयधवला टीका भी प्रारंभ की, पर वे उसके केवल 20,000 श्लोक ही रच पाये और संभवतः 823 ई0 में उनका देहावसान हो गया। इस टीका को उनके शिष्य जिनसेन ने 837 ई. में पूरा किया। ये टीकायें संभवतः गुजरात में लिखी गई होंगी। आ० वीरसेन अत्यंत प्रतिभाशाली, अन्तर्ज्ञान के धनी और महाविद्वान थे। धवला टीका के अवलोकन से उनकी न्यायदर्शन, धर्मशास्त्र, गणित, ज्योतिष, संस्कृत-प्राकृतभाषा और व्याकरण तथा काव्य आदि की बहुश्रुतता एवं बौद्धिक तीक्ष्णता का सहज ही अनमान होता है। संभवतः वे सिद्धसेन के इस मत के अनुयायी थे कि हेतुगम्य विषयों को बुद्धि से और तर्कातीत : । प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ 370 5454545454545454545454545547347
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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