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संग्रह
चौबी० दीप-दीपक प्रजार तम निवारे जोत रवि की सब
दीप-दीपक प्रजारे तम निवारे जोत रवि की सब लसे। सो दीपमाला अति उजाला, जोयतें सब
-: । अघ नसे॥ श्रीपद्मप्रभ पद कंज लक्षण अरुण वरण सुहात हैं। पूजें अटल पद हेतु स्वामी, कलुष पूजन ... ताप नशात हैं । ॐ ह्रीं श्रीपद्मप्रभ जिनेन्द्राय गर्भ,जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय
मोहान्धकार विनाशनाय दीपं निव॑पामीति स्वाहा। .. ४७५ : धूप-श्रीखंड अगर कपूर लाय सुअग्निसंग जरायही।तिसधूम दशदिसमाहिव्यापी गुंजते अलिआयही।
श्री पद्मप्रभ पद कंज लक्षण अरुण वरण सुहात हैं। पूजें अटल पद हेतु स्वामी कलुष ताप नशात हैं। ह्रीं श्रीपद्मप्रभ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय
अष्ट कर्म दहनाय धूपं निर्वामीति स्वाहा ॥ .. फल-बादाम खारिक लौंग पिस्ता दाख श्रीफल सार ही। रसना सुहावन नेत्र भावन भरूकंचन थार
ही । श्रीपद्मप्रभ पद कंज लक्षण अरुण वरण सुहात हैं। पूजें अटल पद हेतु स्वामी कलुष ताप 'नशात हैं। ॐ ह्रीं श्रीपद्मप्रभ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय
मोक्षफल प्राप्तये फलं निर्वपामीति स्वाहा ॥ अघ-शुभ जल फलादिक द्रव्य प्राशुक अर्घ करमें लाय हूं। मैं नाच राचि नवाय मस्तक सुयश तुमरो
गाय हूं। श्रीपद्म प्रभु पद कंज लक्षण अरुण वरण सुहात हैं। पूजें अटल पद हेतु स्वामी कलुष