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चौबी०
पूजन .
संग्रह .. . .
३ अथ श्रीसंभवनाथजिन पूजा लिख्यते।
- (वखतावर सिंह कृत) छंद मत्त गयंद स्थापना-ग्रीवक छार लियो अवतार पिसा.सजितार के नंद कहाये।
जय सेना मात नमधर हाथ जु संभवनाथ जिनंद हसाये । है वाजी अंक अरी कर दंक सभव्यन को शिव पंथ लगाये।
श्री जिनदेव करूं नित सेव स्थापत हं चित हर्ष बढाये ॥१॥ ॐ ह्रीं श्री संभवनाथ जिनेंद्र अत्रावतरावतर संवौषट् आह्वाननम् । डों ह्रीं श्री संभवनाथ जिनेंद्र अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम् । डों ह्रीं श्री संभवनाथ जिनेंद्र अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधी करणम्।
. अथ अष्टक ॥ छंद सुंदरी। . जल-उदक पदम हद को लीजिये, पर श्री जिन सनमुख दीजिये। जन्म आदि त्रिदोष मिटाइये, ...चरन संभव जिनके ध्याइये। ॐ ह्रीं श्री संभवनाथ जिनेंद्राय गर्भ जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण कल्याण प्राप्ताय जन्म मृत्यु जरा रोग विनाशनाय जलंनिपामीति स्वाहा।
...भव आताप मिटावन चंद हो, परम