SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 140
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चौबा पूजन संग्रह ५७८ चंदन-चंदन मन भावन ताप नसावन सौरभ पावन. भरझारी । करपूज तिहारी आनंद कारी पाप निवारी गुण कारी ।श्रीबीर कुमारं शिवदातारं पाप निवारं सुखकारं । सुंदर आकारं ज्ञान भंडारं जग हितकारं जितमारं । ॐ ह्रीं श्रीमहावीर जिनेन्द्राय गर्भ,जन्म,तप,ज्ञान, निर्वाणपंचकल्याण प्राप्ताय संसारा ताप रोग विनाशनाय चन्दनं निर्वपामीति स्वाहा । अक्षत-अक्षत शुभ सारं खेत सुधारं हेम सुथारं माह भरे । तुम चरण चढाऊ पुंज रचाऊं शिव सुख । पाऊं हर्ष वरे। श्री वीरकुमारं शिव दातारं पाप निवारं सखकारं । सुंदर आकारं ज्ञान भंडारं जग हितकारं जितमारं ॥ ॐ ह्रीं श्रीमहाबीर जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण पंच कल्याण प्राप्ताय अक्षय पद प्राप्तये अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा । पुष्प-शुभ षट् ऋतु केरे सुमन उजेरे अलिगण नेरे गुंज करे । ले पूजूं ध्याऊं मन हरषाऊं सीस नवाऊं काम जरे। श्रीबीर कुमारं शिवदातारं पाप निवारं सुखंकारं । सुंदर आकारं ज्ञान भंडारं जग हितकारं जितमारं। ॐ ह्रीं श्री महावीरजिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय काम वाण विनाशनाय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा। नैवेद्य-चरु घृत में कीनी रसमें भीनी पुष्ट नवीनी भर थारी। चरणन ढिग लाउं न ऊं. ..
SR No.010573
Book TitleVarttaman Chaturvinshati Jina Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBakhtavarsinh
PublisherBakhtavarsinh
Publication Year
Total Pages245
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy