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________________ ४ विवाह--दिगम्बर मान्यतानुसार भगवान् का विवाह नही हुआ । श्वेताम्बर मान्यता है कि इनका विवाह समरवीर नामक सामन्तकी कन्या यशोदासे हुआ । इतना ही नहीं, इनके एक पुत्री हुई जिसका नाम प्रियदर्शना था । ५ दोक्षा--दिगम्बर मतानुसार भगवान्ने ३० वर्षकी अवस्थाम दीक्षा ली जवकि उनके मातापिता जीवित थे । श्वेताम्बर मान्यता है कि जब २८ वर्षकी अवस्थामे भगवान् महावीरके माता-पिताका देहान्त हो गया तो उन्होने दीक्षा लेनी चाही । बडे भाई नन्दिवर्द्धनके समझानेसे वह दो वर्षके लिए रुक गये और इन दो वर्षों में उन्होने गृहस्थ होते हुए भी त्यागी जीवन विताया। ६ निर्गन्य-~-दिगम्बर मान्यता है कि भगवान दीक्षाके समय नग्न दिगम्बर हो गए। श्वेताम्बर मत है कि भगवान सवस्त्र थे और उनके कन्धे पर देव-दूष्य था। ७ उपदेश--दिगम्बर मान्यतामें भगवानने केवलज्ञान प्राप्त होनेसे पहले उपदेश नही दिया और ६६दिन बाद प्रथम समवसरण उस समय हुआ जव उन्हे इन्द्रभूति गौतम गणधरके रूपमे प्राप्त हुआ। श्वेताम्बर मतानुसार भगवानका उपदेश केवल ज्ञान प्राप्त करनेसे पहले भी हुआ किन्तु प्रथम समवसरणमें केवल देव ही उपस्थित थे मनुष्य नहीं । ८ रात्रिगमन--जवकि दिगम्बर मतानुसार भगवानका रात्रिगमन नही है, श्वेताम्बर मान्यता इसके विपरीत है। उपर्युक्त कथानक-भिन्नतामे विशेष महत्वकी घटना भगवानका विवाह और कौटुम्बिक स्थिति है। 'वर्द्धमान' के लेखकने श्वेताम्बर और दिगम्बर मान्यताप्रोमें समन्वय उपस्थित करनेका प्रयत्न किया है। उनके बडे भाईने जब विवाहका सदेश भिजवाया - "विवाह-प्रस्ताव प्रकाशते हुए, संदेश-संवाहक-वृन्दने कहा,
SR No.010571
Book TitleVarddhaman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnup Mahakavi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1951
Total Pages141
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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