________________
३५७ (धातुपाठः)
सृज
ष्णिह
ष्णुह
ष्ण
ध्वद
ब्वद
स्तृञ्
(भ्वा प अ ) ९११
(भ्वा प अ ) ९२८ ष्ठिवु ( भ्वा. प से ) ५६० ष्ठिघु (दि प. से ) १११० ष्णसु
(दि. ५ से.) १११२ ष्णा (अ प. अ.) १०५२
(दि. प. से.) १२०१ ष्णिह
(चु. प. से ) १५७३ ष्णु (अ. प अ ) १०३८ ष्णुसु (दि. प से ) ११११
(दि प से ) १२००
(भ्वा. प अ ) ९२३ ष्मिद (भ्वा. आ. से.) ९८ ष्मि (पा) (च प से ) १५७४ ध्व ज (भ्वा आ. अ) ९७६
(भ्वा. आ. से ) १८
(चु. उ. से ) १८०६ (त्रि) ज्वप् (अ. प अ ) १०६८
वष्क (भ्वा. आ से.) १०० (नि)ष्विदा (भ्वा. आ. अ.) ७r (त्रि) विदा (भ्वा. प. से.) ९७८
विदा (दि प से ) ११८९ सङ्केत (चु उ से ) १८९२ सङ्ग्राम (च. उ से ) १९२३ सत्र (चु आ से ) १९०७ समाज (चु उ से ) १८८८ समी (पा.) (दि प से ) १२२२ सस्ति । (अ पं. से ) १०७९ साध (स्वा. प. अ) १२६४ साम (चु. उ से ) १८८० साम्ब (पा.) (चु प से ) १५५७ सार (चु उ से ) १८६९ सुख (चु उ से ) १९७० सूच (चु. उ से ) १८७४ सूत्र (चु. उ से ) १९०९ सूक्ष ( भ्वा प से.) ६६६ सूर्य (भ्वा. प से.) ५०९ ।
(भ्वा प. अ.) ९३५ (ज प. अ. ) १०९९
(दि. आ अ.) ११७९ सृज (तु. प. से.) १४१५ सृप्ल (भ्वा. प. से.) ९८३ सेकृ (भ्वा. आ. से.) ८१ स्कन्दिर (भ्वा प से.) स्कभि (भ्वा. आ. से.) ३७८ स्कुञ् (क्या. उ. अ.) १४७९ स्कुदि (भ्वा. आ से.) ९ स्खद (भ्वा. आ से ) ७६८ स्खदिर (भ्वा प से ) ८२० स्खल (भ्वा प से.) ५४ स्खलि(पा )( भ्वा. प से.) ८१६
(भ्वा प. से.) ६६१ स्तृञ् (स्वा. उ अ.) १२५३ स्तृहू (त. प. से.) १३५०
(क्या. उ. से.) १८५ स्तन (चु. उ. से.) १८६० स्तेन (चु. उ. से ) १८९८ स्त्यै (भ्वा प. अ) ९१० स्तोम (चु. उ से ) १९२४ स्थल (भ्वा प. से.) ८३६ स्थुड (तु प से.) १३०९ स्थूल
(चु आ. से ) १९०५ स्पदि (भ्वा आ से ) १४ स्पर्ध (भ्वा. आ. से.) , स्पश (भ्वा. उ. से.) ८८७ स्पश (चुः आ से.) १६८१ स्पृ (स्वा प. अ.) १२६० स्पृश (तु प अ.) १४२३ स्पृह (चु. उ. से.) १८७२ स्फर (पा) (तु. प से.) १३९० स्फायी (भ्वा आ से.) १८७ स्फिट (पा.) (च. प से ) १५७३ स्फिट्ट (चु प से.) १६३५ स्फुट (भ्वा आ. से ) २६.
1
के में किया