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________________ ३५० (धातुपाठः) रफि रवि रवि रुट Asha रध (दि प से ) ११९४ रज्ज (भ्वा. उ. से ) ९९९ रन्ज (दि उ अ ) १९६८ रप (भ्वा प अ ) रफ ( भ्वा. प. से ) ४१३ (भ्वा प. से ) १४ (भ्वा आ से ) ३७६ (भ्वा. प. से.) ५९६ (भ्वा आ से ) ९७४ रभि (पा.) (भ्वा. आ. से.) १८५ ( भ्वा. आ अ.) (भ्वा आ. से) ८२ (भ्वा प से ) ७१३ (चु. उ. से ) १९३२ (भ्वा. प से.) ७१ ( च प से ) १६२८ (चु. उ से) १८६९ (भ्वा. प से ) ७३२ (चु प. से.) १७९९ (अ. प अ. ) १०५७ (भ्वा प से.) १२२ (भ्वा. उ. से.) ११२ (भ्वा. उ से.) ८२२ (दि. प. अ.) ११८१ राध (स्वा. प. अ.) १२६३ (भ्वा. आ से.) ६२६ (तु. प. अ.) १४०५ (स्वा प. अ.) १२७६ रिख (पा.) (भ्वा प से.) रिगि (भ्वा. प. से.) १५४ रिच (चु. उ से ) १८१७ रिचिर् (रु. उ. अ.) १४३ (तु. प से.) १३०७ रिवि (भ्वा. प से.) ५९५ रिश (तु प. अ. ) १४२१ (भ्वा. प. से.) ६९४ रिष (दि प. से ) १२३२ रिह (पा.) (तु प से.) १३०७ री (क्क्या. प अ ) १५०१ (दि आ से ) ११३८ रु (अ प से.) १०४ रुङ् (भ्वा आ. अ) ९५९ रुच (भ्वा आ. से.) ७५ रुज (चु उ से ) १८०५ रुजो (तु प से ) ११७ (भ्वा आ से ) ७ रुट (पा ) (चु प. से ) १६७१ रुट (च उ से ) १७७४ रुटि (भ्वा प. से ) ३२७ रुठ (भ्वा. प से ) __३३६ रुटि (पा.) (भ्वा. प से.) ३२७ रुठि (भ्वा. प से ) ३५ रुडि (पा.) (भ्वा. प से ) ३२७ रुदिर (अ प. से ) १०६७ (अनो) रुध (दि. आ. अ.) ११७५ (रु. उ अ.) १४३९ (दि प. से ) १२३७ (तु. प. अ ) १४२० বাহ (चु उ. से.) १७८९ रुष (भ्वा. प. से.) ६९७ (दि. प. से ) १२३१ (चु. प. से.) १६७१ (चु उ. से.) १७९१ (भ्वा. प. अ) ८५९ (चु. उ. से ) १९११ (चु. उ. से ) १९३४ (भ्वा. प से) ६७८ (भ्वा. आ से.) ८० (भ्वा. उ. से.) ८६४ (भ्वा आ. से.) (भ्वा. आ. से ) (भ्वा आ. से ) ५०७ (भ्वा आ. से ) ६२० (भ्वा. प अ.) ९०९ रुधिर रा राजु राध् रुसि रुह रिफ ३७२ १८५ रिष
SR No.010557
Book TitlePaniniyasutra Pathasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri
PublisherBhandarkar Prachya Vidya Sanshodhan Mandir
Publication Year1935
Total Pages737
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size54 MB
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