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__माघ सुदि १२ वस्त्र श्वेत, बागो घेरदार, पाग गुलाबी खिड़कीकी ॥
माघ सुदि १३ वस्त्र श्वेत, बागो चाकदार, फेंटा श्वेत, चन्द्रका, कतरा ॥
माष सुदि १४ वस्त्र श्वेत, बागो घेरदार, पाग छीटकी गोल। श्रीस्वामिनीजीकूँ छीटकी साड़ी, चोली, लहँगा ॥ __ माघ सुदि १५ होरी डाँडाको उत्सव । ताके पहले दिन सब साज बदल राखनो। पाछे अभ्यङ्ग होय । वस्त्र श्वेत, बागो घेरदार। पाग वारकी खिड़कीकी । चोली चोवाकी । आभरण नित्य सुवर्ण के धरावने । कर्णफूल २ श्रृंगार हलको करनो। कतरा सादा, कलङ्गी सोनेकी । सामग्री मीठी कचोरीको मैदा सेरऽ॥ मूंगकीदार सेरऽ=धीऽ। खांड़ सेरऽ२ इलायची मासा २ राजभोगमें शाक २ भुजेना २ छाछिबड़ा पाटियाकी। आजसों नित्य फेंट गुलालकी शृङ्गारमें भरनी। पिचकारी भरनी । सो आरती पीछे बड़ी करनी । खेल भारी करनो । लोटा १ रङ्गको उड़ावनो खेल भारी करनो । कपोलनपें गुलाल लगावनों। पिच|कारी रङ्गकी उड़ावनी। गुलाल, अबीर उड़े। और होरी डाँडालूँ अनोसरमें शय्याके पास थारीमें फूल माला, केशर, गुलाल, अबीर, उड़ायबेको एक तबकड़ीमें सब साजके डोल ताई नित्य रहे । पिचकारी नित्य शय्याके पास खेलकी तबकड़ीमें धरनी। और रात्रिको भद्रारहित होरी डाँडो रोपिये ॥ __फाल्गुन वदि १ वस्त्र सुपेद, बागो घेरदार । पाग पीरी वसन्ती
गोल, तैसोई श्रीस्वामिनीजीकों फागुनियाँ, चन्द्रका सादा ॥ | फाल्गुन वदि २ वस्त्र श्वेत, वागो चाकदार । पाग पतङ्गी | खिड़कीकी, चन्द्रका सादा ॥
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PESABRDARIKSHARABIRADESH