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________________ - - RRORE आश्विन वदि १४ वस्त्र लहरियाके । पिछोडा, पाग गोल, चन्द्रका सादा, आभरण मूंगाको ॥ ____आश्विन वदि ३० वस्त्र श्याम लहरियाके पिछोडा, पाग गोल, चमककी मोरशिखा, ठाडे वस्त्र सुपेद । आभरण हीराके। सामग्री पूवाकी । चून, घी, गुड बराबर । चिरोंजी 5- घी। कटोरीकोऽ-बूरोऽ= अब कोटकी आरती शयनमें होय।। साँझीके पटापे पत्रीकी द्वारिका मांडनी ॥ आश्विन सुदित नवविलासअभ्यंग होय।. पलङ्गपोस । वस्त्र लाल सुनहरी छापाके, सूथन, बागा खुले बन्ध । कुल्हे, कम्मल, सुनहरी, सुपेत, चित्रकी। जोड़ चन्द्रका ५ को। आभरण हीराके । चोटी पहेरे । मूथन तथा लहँगा, चोली हरे छापाकी । पिछवाई लाल छापाकी । सामग्री गिजड़ीको मनोहरकी, गिजड़ीको दूध सेरऽ२ मैदा चोरीठा सेर ॥ घी सेर ऽ॥ खाण्ड सेर ऽ२ सखडीमें खण्डराको बेसन सेर 5॥ घी सेरऽ। मीठी कढ़ीको बूरा सेर ॥ तामें खण्डरा पधरावने । रायता खण्डराको । छाछिबड़ा । मीठो शाक, खण्डराको सब सखडीमें करनों ॥ आश्विन सुदि २ दूसरो विलास । वत्र पीरे छापाके। दुमालो, कसूमल वागो खुलेबन्ध। धोती, कसूमल, ठाड़े वस्त्र हरे। कतराको चन्द्रका चमकनो। आभरण पन्नाके । सामग्री दहीबराको मैदा सेर ॥ दही सेरऽ॥ घी सेर ॥ बूरो सेर ॥ इलायची मासा ॥ डेरवडीको प्रकार सखड़ीमें। ताकी उड़दकी पिट्टी सेरऽ घी सेरऽ छाछकी हाँडीमें रायता, | कढी,तीन कूड़ामें सबनमें खण्डरा पधरावने । दारि तुअरकी॥ ।
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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