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३९. मथुराका देवनिर्मित बोद्ध स्तूप (सचित्र ) श्री. जण दत्तजी वाजपेयी,
एम. ए.. मयुरा te ४०. प्रयाग संग्रहालयमें जैन मूर्तियों--(सचित्र ) ( Figs. IV-XI)
श्री. सतीश चन्द्रजी काला एम.ए. प्रयाग १९२ ४५. जैन ज्योतिषकी व्यवहारिकता-श्री. प. नेमिचन्द्रजी जैन ज्योतिषाचार्य, आरा १२६ ४२. विदेशोंमें प्राकृतका प्रचार-श्री. डॉ. बनारसीदासजी जैन, एम. ए., पी-एच. डी.,
लुधियाना २०३ ४३ Magadhr, Ardhamagadhi and Sanskrit-Dr. Sr Belkalkar,
_t. A , Ph D , I. R. A.S, Poona २०७ 88, The Contribution of Jainis to Indian Culture Sri T. K.
Tukol, N. A, B.L. Specul Oficer, Political Dept, Bombay ४५ Kretrapila n jan Tconography-(सचिन Figs XII-XIII)
Sri Umakant P. Shah, M.A , Baroda २२६ ४६. The Tree of Life and Other Group Symbols of jar Art-Prof.
Asoka Kumara Bhattacharya, at. A , Calcutta २२७ ४७. विश्वविभूति भ, महावीरकी ज्ञानसाधना (कविता)-श्री. प्रचडिया २३० ५. जैन समाज और इतिहास
२३९-२७८ (Jauna Community and History) - ४८. जैनधर्म और समान-श्री, ए. एन. उपाध्याय, एम. ए. डी. लिट. कोल्हापुर २५५ ४९ वे बर्द्धमान (कविता)-कवि 'तन्मय ' बुखारिया ५० म. महावीरकी महिला समाजको देन-श्री. " स्वतत्र " सूरत 49 Karanātaka South and Faina Tradition~by Prof D R Bendre,
___YA , Sholapur २५३ 45 Kondakundācārya's Birth Place--Dr. B A Saletore, M. A, D Litt,
Ahmedabad २५७ ५३ पन्नइया नगरी-इतिहासमहोदधि श्री, विजयेन्द्र सूरी
- २५९ v४. jaina Code and yaurism-Sri R. N Shah, BA, BL , Sholapur २६१ ५५ वीर वन्दना (कविता) श्री. वीरेन्द्र कुमार, एम. ए.,
७२ गई प्राचीन हिंदी गयका अभावः उसके कारण-श्री, प्रेमनारायणजी टंडन,
साहित्यरत्न, एम. ए. ५७ भ. महावीर (कविता)-श्री रामकृष्ण 'मुन्तर' कजोड
२७८ ६. अहिंसा और विश्वशान्ति
२७९-३३६ (Ahimsã and World Peace) ४८. अहिंसा और विश्वशान्ति माननीय गवरनर महोदय मध्यप्रान्त ५१. ओवधमान (कविता)--श्री, सुरेन्द्रसागर जैन प्रचंडिया, कुरावली
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