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में रखते हुए यह पूजा-पुष्प हमारे पूज्य पिताश्री ला०रघुबीर सिह जैन के धर्मार्थ ट्रस्ट की ओर से प्रस्तुत है। आशा है यह भव्यजीवों के कल्याण मार्ग में निमित्त-भूत और हितकर होगी एवं भव्यबंधु इससे लाभ लेंगे।
पुस्तक में नवीन कुछ नहीं है-पूर्व कवियों की रचनाओं का संकलनमात्र है । इसके संकलन तथा प्रकाशन व्यवस्था में जिन बंधुओं ने सहयोग दिया है हम उनके प्रति अत्यंत आभारी
हैं।
७/३२ दरियागंज, नई दिल्ली वी०नि० म०२५.०७
प्रेमचंद जैन, कैलाशचंद जैन
शांतिस्वरूप जैन