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त्रिदिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव एक रिपोर्ट
दिनांक २६-३० अप्रेल व १ मई १६६४
रता का विषय था जे करन की शुरुआत हुइ, -सप्रतियोगिता क
कोल, १६६४ “भजन संध्या'
शुक्रवार दिनांक २६ अप्रेल, १६६४ को श्री जवाहर विद्यापीठ भीनासर द्वारा अपनी स्थापना के ५० वर्ष करने के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव दिनांक २६-३० अप्रेल व १ मई १६६४ को खूब लाल के साथ मनाया गया। दिनांक २६ अप्रेल शुक्रवार रात्रि ८.०० बजे भजन संध्या आयोजित की गई, जिसमें क्षण महिला मण्डल, श्री वल्लभ महिला मण्डल, श्री वीर मण्डल, श्री जैन मण्डल, श्री कोचर मण्डल व श्री पद्-सभी स्थानीय मंडलों ने अपने दो-दो भजनों को प्रस्तुत कर श्रोताओं का भावपूर्ण मनोरंजन किया। इसके
श्री वीरेन्द्र अभाणी कु. सुनीता डागा व कु. सरिता भंसाली आदि ने भी अपने भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं का कलन किया। भजन संध्या रात को १२ बजे तक चली, भजनों की सुमधुर स्वर लहरियों से श्रोता झूम उठे। ३० अप्रैल १६६४ “सेठ श्री चम्पालालजी बाँठिया स्मृति व्याख्यानमाला'
शनिवार दिनांक ३० अप्रेल १६६४ को दोपहर ३.०० बजे सेठ श्री चम्पालालजी बांठिया स्मृति मानमाला के अन्तर्गत विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तरीय भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस
या विषय था 'अहिंसा, शाकाहार और भारतीय संस्कृति'। श्री विचक्षण महिला मण्डल के मंगलाचरण
का शुरुआत हुई, इसके पश्चात् कार्यक्रम संचालक श्री जसकरण सुखानी ने प्रतियोगिता की नियमावली २. भातयागिता की शुरुआत करवाई। पहले विद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। बाद में महाविद्यालय . विद्यार्थियों ने अपने विचार ५-५ मिनट में रखे। निर्णायक मण्डल में थे सर्वश्री धर्मचन्दना मन.. बदला नाहटा और डॉ. विष्णदत्तजी आचार्य, जिन्होंने प्रतियोगियों की भाषण-शैली, विषय और प्रस्ताव के. र उनका मूल्यांकन किया। तीनों निर्णायकों द्वारा दिये गये अंकों के योग के आधार पर निम्नलिगित मशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे - विद्यालय स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के परिणाम प्रथम स्थान - कु. सीमा वांठिया, बीकानेर दाय स्थान - कु. विजय भारती साण्ड, भीनासर जाय स्थान – श्री सुधीर कुमार बोधरा, गंगाशहर महाविद्यालय स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के परिणाम प्रथम स्थान - कु. सुन्दरी वैद, गंगाशहर लाप स्थान - श्री राजेश बैद, गंगाशहर रस्थान - कु. सुनीता जैन, गंगाशहर