________________
श्री विठ्ठल भाई पटेल-इसी चातुर्मास में केन्द्रीय धारा-सभा के सभापति श्री विठ्ठलभाई पटेल भी आचार्य के दर्शनार्थ एवं प्रवचन श्रवण हेतु पधारे। आचार्य के त्याग, तपमय जीवन और उदार दृष्टिकोण से आप वड़े प्रभावित हुए। आपने भी आचार्य श्री के इन गुणों की मुक्तकण्ठ में प्रशंसा की।
दस्तावेज जवाहर-क्रान्ति समाज-सुधार पंचायत नामा
सकल पंचपुर थांदला
वि.सं. १६६५ सावण वदी १३ रविवार
१५५ व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षरित : आचार्यश्री का १७वां चातुर्मास मुख्य कलमें १. कन्या विक्रय बंद किया जाता है। लड़की को सगपण करवाने में देज सिर्फ १ रु. रहेगा। २. बींद-बींदणी बारात भाणा खरच की रकमें सीमित कर दी गई। ३. विवाह में रंडी नाच करवाणो नहीं। ४. रजा की जीमण में मोरस खांड नहीं गारणी। १. लीला बाज दूना नहीं वापरणा । कतई बंद-जात में, गाम में। ६. न्यात का निराश्रित बायां-भायां पर पंचायती निगाह सार संभार की देवे ७. परगाम पंचायती रसम से जावे तो रति मशाल का उजवारा सूं नहीं जावे। ८. जात में विरादरी की लुगायां बेजा गारियां नी गावे, बेजा नाच नी नाचे। ६. सावण भादवा में नया सरसे नींव नाख नै मकान को या दूसरो काम नहीं शुरू करणी। १०. सावण भादवा में अष्टमी नवमी के दिन गाड़ी भाड़े की घर की नहीं चलावणी। वैसे गाड़ी में बैठकर जाणा
नहीं। ११. माती मौत १५ साल तक की हुवै तो वणी पर पंचायती हक नहीं, सबब रजा नहीं देवे। १२. हाथी दांत को चूड़ो आपणा अठी बंद करी चुका हां। १३. आतिशबाजी, झाड़, हाथी, नार-वगैरह थांदला के अन्दर नहीं छोड़ें और परदेशी ने भी गांव में नहीं छाइया
देना। १४. पंचायती हक सिवाय जो बाबत आवेगा इजाफ की उसकी हिस्सा रसीद सिररस्ता मुजब समझ ली
ऊपर माफक कलमां को पालन समस्त पंच थांदला का करेगा और अण के सिवाय खुशी स कार वरोटी करेगा तो वासण भाड़ा रु. ढाई अर देवका रुपया ढाई जुमला ५ रु. लेगा। ऊपर लिख्या सिवाय हक दस्तूर नहीं है। लिख्या हुवा है के सिवाय किरियावर पर पंचायती हक नहीं है। यो ठराव समस्त पच या के रुवल सा. प्यारे लालजी के हुआ है सो सही है।
(अष्टाचार्य गौरव गंगा-पृष्ठ १४३)
झली जावेगी।
१२६