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४. नगरी में भटेवरा जाति के दो परिवारों में अनेक वर्षों से आपस में वैमनस्य फैला हुआ था। जिसका प्रभाव आसपास के गांवों पर भी पड़ रहा था। आपके एकता के उपदेश से सारा वैमनस्य समाप्त हो गया और दोनों ही परिवारों के मन साफ हो गये।
इस प्रकार के अनेक प्रसंग आपके जीवन में आये, जिसका आपने बहुत ही सुन्दर एवं यथोचित समाधान किया। अतः हमें भी हमारे पूज्य जवाहराचार्य के उपदेशों को ध्यान में रखते हुए संघ की शांति एवं एकता के लिए सदैव प्रयलशील रहना चाहिए। संघ में एकता रहने पर संघ की सभी बुराइयां स्वतः नष्ट हो जाती
संदर्भ ग्रन्थ सूची १. आ. जवाहरलाल जी म. सा. की जीवनी २. जवाहर विचारसार ३. जवाहर किरणावलियां-विभिन्न भाग ४. जैन जगत के ज्यार्तिधर आचार्य ५. अष्टाचार्य गौरव गंगा ६. साधुमार्गी की पावन सरिता ७. जैन धर्म के प्रभावक आचार्य