________________ श्री सेठिया जैन पन्थमाला विषय वोल भाग पृष्ठ प्रमाण सेवाक (वह) संहनन 470 270 पनप 23 मृ.२१३, टा.६७.५ सू४६४,कर्म भा.गा.३६ संतालीसदोषाहारके 1000 7265 पिनि.गा 666 सेंतीसगाधाए उत्तराध्ययनह८४ 7 133 उत्त... मूत्र के दमवें अध्ययन की 1 सापक्रम आयु 30 121 तत्वार्थ प्रध्या २सू.५२,म.रा. 20 उ.१•सृ.६८५ : मोपक्रम कर्म 27 116 विभ ३सू. 20 टी. मोलह उत्पादनादोप 866 5 164 (प्रवदा ६७गा.५६५-५६८, ध.अधि:लो २२टी 38, सोलह उद्गम दोप 865 5 161 / पि.नि गा 408,4.6, 2, पिरिगा५८,५६,३.४, पंचा १३गा.१८-१६-६ सोलहगाथाएंउत्तराध्ययन८६२ 5 152 उन भ.१५ मूत्रकेपन्द्रहवें अध्ययन की सोलहगाथाएंदशकालिक-६१ 5 147 दा. च२ मूत्र की दूसरी चूलिका की सोलहगाथाएंबहुश्रुतमाधु 863 5 155 उत्तय ११गा.५५.३० की उपमा की सोलहगाथाएं भगवान महा-८७४ 5 182 भाचा म उ 2 वीर फी वसतिविषयक सोलहगुणदीक्षालेनेवालक-६४ 5 158 धमधि.: ग्लो.५३-७८' मोलह नाम मेरु पर्वत के 870 5 171 सम.१६, अ.वन.अनु.१०६ सोलह भंग आभवमादिक-६८५ 168 भग.१६ 3.4 8.654 12:21 की रिपो देगी / 2 जो प्रायु पी भोग विना प्रायु टने में सात / झारगों में में दिमी कारगा में मममय में ही टूट जाय। जिस फर्म का फल उपदेश मादि मेमांत हो जाय। 5 त्तश्र१५गा.११.३.