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(१४) की पढ़ाई चलती रही है। एफ. ए. परीक्षा में कुल १२ छात्र प्रविष्ट हुए थे जिनमें ८ उत्तीर्ण हुए । मैट्रिक परीक्षा में ३० छात्रों में २७ पास हुए। इस वर्ष कालेज में वी ए. कक्षा नहीं रखी गई किन्तु अागामी सेशन से पुन बी ए. कक्षा खोल दी जायगी।
कन्या पाठशाला इस पाठशाला में पूर्ववत् पहली से लेकर चौथी तक चार कक्षाएं चलती रही हैं । इन कक्षाओं में कन्याओं को हिन्दी, गणित, स्वास्थ्य, धर्म, भूगोल, वाणिका, सिलाई
और कशीदा आदि विषयों का ज्ञान कराया जाता रहा है। छात्राओं की साल भर में सख्या ७० और ८० के बीच में रही।
समाज सेवा विभाग इस विभाग द्वारा समाज मेवा सवधी सभी प्रकार के कार्य किये जाते रहे हैं। इन में श्री श्वेताम्बर साधुमार्गी जैन हितकारिणी संस्था के अाय व्यय का हिसाब रखना तथा ग्राम्य पाठशालाओं के संचालन की देखरेख एवं प्रबंध का कार्य होता रहा है। ___इस विभाग द्वारा संत मुनिराजों एवं महापतियों के विहारादि सबधी पत्रव्यवहार और दीक्षार्थी भाई बहनों के लिये भण्डोपकरण का प्रबंध भी होता रहा है।
इस विभाग द्वारा इस वर्ष ४२३ मूल्य की सम्था द्वारा प्रकाशित पुस्तकें भिन्न भिन्न संस्थाओं और व्यक्तियो को भेंट स्वरूप दी गई हैं इसके अतिरिक्त बिना मूल्य की १.२ पुस्तकें भी इस विभाग द्वारा भेंट दी गई।
प्रिन्टिग प्रेस (छापाग्वाना) इस विभाग में डम वर्ष मेठिया ग्रन्थमाला की १०५ से १०७ तक की नवीन पुस्तकों का मुद्रण हुमा । युद्ध जन्य कठिनाइयों के कारगा इस साल प्रेस का काम मद गति से चला । कर्मचारियों तथा कागज की कमी के कारण केवल नीचे लिखी पुस्तकें छप सकी। समय को देखते हुए यह भी सतोषजनक ही है । (१) पाहतप्रवचन (२) श्रीप्रतिकमणसूत्र मूल ७ वीं श्रावृत्ति (३) श्री सामायिकसूत्र मार्थ ५वीं प्रावृत्ति (४) श्री जनसिद्धान्त बोल सग्रह सातवाँ भाग (५) श्रीमान् सेठ भैरोंदानजी सा सेठिया की सक्षिप्त जीवनी (६) हिन्दी वाल शिक्षा दुसरी प्राइमर । प्रमी श्री जैन सिद्धान्त वोल सग्रह के पाठचे भाग की छपाई हो रही है।
ग्रन्थालय और वाचनालय इस वर्ष भिन्न भिन्न भाषाओं की कुल ३१० नई पुस्तकें ग्रन्थालय में पाई । दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक भौर त्रैमासिक पत्र पत्रिकाएँइस वर्ष भी पाती रही हैं और उन्हें वाचनालय में रखा जाता रहा है । इस वर्ष १२७ सदस्यों ने ३३६३ पुस्तकें पढ़ने के लिए पुस्तकालय से ली तथा वाचनालय से लाभ उठाया ।