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श्री जैन सिद्वान्त बोल संग्रह, पाठवॉ भाग
विषय बोल भाग पृष्ठ प्रमाण दशकालिक सूत्र के दूसरे ७७१ ४ ११ दश श्र २ अ० की ग्यारह गाथाएं दशवकालिकसूत्रकेनअ०५५३ २ २६३ दश. अ उ ४ के चौथे उ० की७ गाथाएं दशवकालिकसूत्रकेनवें०८५३ ५ १२७ दश. श्र ६ उ ३ केतीसरेउकी १५माथाएं दशवकालिक सूत्रके नवें ८५३ ५ ४७६ दश० अ० ६ उ० ३ अध्ययन के तीसरे उ० की पन्द्रह मूल गाथाएं दशवैकालिकसूत्र केनवेंअ०६३३ ६ २०१ दश० अ० ६ उ० २ केदूसरेउकी २४गाथाएं दशवैकालिकसूत्रकेनवें०८७७ ५ ३७७ दश० अ० ६ उ० १ के पहले उ० की१७गाथाएं दशवकालिकमत्र के नवे ८७७ ५ ४८२ दश० प्र० ६ उ०१ अध्ययन के पहले उद्देशे की सत्रह मूल गाथाएं दशाश्रतस्कधदशासूत्र का २०५ १ १८० संक्षिप्त विषय वर्णन दस अच्छेरे (आश्चर्य) ६८१ ३ २७६ ठा १०उ ३ सू०७७७,प्रब द्वा
१३८ गा८८५.८८६ दस अजीव परिणाम ७५० ३ ४२६ ठा १० उ ३सू ७१३,पन्न प १३
सू.१८४-१८५ दस अधिपति अग्निकुमारके७३५ ३ ४१८ भश उ ८ सू १६६ दस अधिपति असुर ,, ७३१ ३ ४१७ भ श ३ उ ८ सू १६६ दस अधिपति उदधि ,, ७३७ ३ ४१६ भ ग ३ उ८ सू १६६