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________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, पाठवा भाग ७७ विषय बोल भाग पृष्ठ प्रमाण कथा वज्रस्वामी की पारि-६१५ ६१०६ श्राव ह गा ६५०, न सू २७ णामिकी बुद्धि पर गा ७३ कथा वज्रस्वामी की ८२१ ४ ४८१ नवपद गा 1८ टी सम्यक्त्वावात्सल्य पर धिकार कथा वरदत्तकुमार की ६१० ६ ६० वि अ २० कथा वारणा पर ५७६ ३ २५ श्रावद थ ४ नि गा १२४२ कथा विष्णुकुमार की ८२१ ४ ४८५ नवपद गा १८ टी प्रभावनापर सम्यक्त्वाधिकार कथा वृक्ष की औत्पत्तिकी १४३ ६ २५७ न स २७ गा ६३ टी बुद्धि पर कथा शकटकुमार की ६१० ६३६ वि ध्र ४ कथा शतसहस्त्र की ६४६ ६ २८२ न सू. २७ गा ६५ टी, औत्पत्तिकी बुद्धि पर कथा शम्ब के साहस की ७८० ४ २५२ श्राव ह. गा १३४, ३ नि भाव अननुयोग पर गा १७२ पीठिका कथा शरट (गिरगिट)की ६४६ ६ २६२ न सू २७ गा ६३ टी औत्पत्तिकी बुद्धि पर कथा शिक्षाकी औत्पत्तिकी ४६ ६ २७६ न स २७ गा ६५ टी बुद्धि पर फया शुद्धि पर ५७६ ३ ३६ याब ह य ४ नि गा १२२ कथा शैलक राजर्षि की ६०० ५ ४३८ शा. म । कथा श्रावक भार्या की ११५ ६ ८४ नं मू. 5 गा ७२, मापद पारिणामिकी बुद्धि पर . निगा.९४६
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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