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[१४] पृष्ठ वोल नं०
की सैंतीस गाथाएं
वोल नं० १७ तीर्थङ्करोत्सत्ति के
जम्बूद्वीप के चौंतीस
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क्षेत्र
१०५ (३६) तृष्णा गाथा ७- २४२ १८३ (३३) धनुष के जीवों १७५ तेतीस आशातनाएँ ६१
की तरह क्या पात्रादि
। के जीवों की भी जीवरक्षा ६६४ (१०) दया माथा १७- १६७ कारणक पुण्य का बन्ध १०१० दर्शन विनय के एच
होता है ? १२८ पर भेद ३७४ (१) धर्म गाथा - १५१ ६६४ (२५) दान गाथा ७-> २०० / ९८१ धर्माध्ययन (सू० अ०१) ६८८ दायक दोष से दूषित
की छत्तीस गाथाएं ८७ चालीस दाता १४६ : ध्यान के ४५भेद २६६ १८३ (३०) देवता कौनसी
भाषा बोलते हैं ? १२५ १८३ (२८) द्रव्य और भाव
६८३ (३) नमस्कार उत्पन्न
या अनुत्पन्न ? यदि मन का क्या स्वरूप है ? क्या द्रव्य और
उत्पन्न है तो उसके
उत्पादक निमित्त भाव मन एक दूसरे बिना भी होते हैं? १२२
क्या हैं ? १०० ४८३ (२६) द्रव्य क्षेत्र काल ८३ (४) नमस्कार का स्वामी भाव-इनमें कौन
नमस्कार कर्ता है या किससे सूक्ष्म है? १२४ पूज्य है। १८३ (२५) द्रव्य हिसा में ६८४ (२) नमस्कार माहात्म्य हिसा का लक्षण नहीं
गाथा घटता फिर वह हिसा ६८३ (१) नमस्कार सूत्र
क्यों कही गई ? १२१ । में सिद्ध और साधु ये , , ,88 द्रुमपत्रक २० अ०१० । दो ही पद न कह कर