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समर्पण देवाश्रम परिवार मे पंडित-प्रवर बाबू प्रभुदास जी, राजर्षि बाबू देवकुमार जी, ब्र० पं० चन्दा मॉश्री,
और वाव निर्मलकुमार चक्रेश्वर कुमार जी यशस्वी तथा गुणीजन हुए है।
उन सभी की पावन
स्मृति को यह श्री जैन सिद्धांत भवन ग्रन्थावली
सादर समर्पित है। देवाश्रम पारा -सुबोध कुमार जैन २४-३-८७