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श्री जैन सिद्धान्त भवन प्रत्यासी ३०० Shri Devakumar Jain Oriental Library Jain. Siddhant Bhavan, Arrab
Colophon:
इति श्री पंचकरयाणपाठसंस्कृत सपूर्णम् ॥ चैत्र कृष्ण अप्टमी शुक्रवासरे मवत् १९३६ दोपहर एक || शुभ ।।
१.३. पंचकल्याणक पाठ
Opening I ध्यानस्थित मोहविकारदर श्रीवीतरागम्
शिव मौग्यहेतु कठोरकग्धनहिरुपम् ।।५।। (पृष्ठ ४६) जय जय विलग्यानसंतपंण ॥ Closing I जयनय मुक्तिबधमवतर्पण III
९.४. पंचकल्याणक पाठ
Opening
Closing! Colopon:
देखें, क० ६७ | देखें, क० ८६७ । इति श्री पंचकल्याणकपाठ सम्पूर्णम् ।
Opening Closing
६०५. पचकल्याणकादि मंडल
श्रुतस्कन्ध मडलचित्र।
सोलहकारण मेंडला विशेष-- ३० मडलचित्र संग्रहीत हैं।
९०६. पद्मावती पूजा
Opening :
श्रीमत्पावैशमानस्य मोक्षसौख्यप्रदायकम् ।
वक्ष्ये पावती पूजां हस्तायूधानपूर्विका ।। Closing: , लक्ष्मीसौम्पकरा... • पावती पातुः व ॥ Colophoni इति श्री पावतीपूजा सम्पूर्णम् । ज्येष्ठं कृष्ण ११ बुध
वार सं० १९५५ बारह बजे दिन को लिखकर आम्पुर ( आरामपुर) निजगृह जन्मभूमि का पर हरिदास ने पूर्ण करी। सो जयवतहो? निशेष- इममे पार्श्वनाथ पूजा भी सगृहीत है ।।