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२६१ Catalogue of Sanskrit, Prakrit, Apabhramsha & Hindi Manuscripts
(Stotra)
७६६. सरस्वती स्तोत्र
Opening :
ॐ ऐं ह्री श्री मत्ररूपे विवुधजननुते देवदेवेन्द्रवद्य, मच्चचद्रावदाते क्षपतिफलिमले हार गारगोरे। भोमे भीमादहाश्ये भवभयहरणे भैरवे मेरूधारे,
ह्रा हू फारनादे मम मनसि सदा सारदे तिष्ठ देवी ।। Closing
करवदनसदृशमखिल भुवनातला यत्प्रसादतः कवया ।
पश्यन्ति सूक्ष्मानतयः सा जयतु सरस्वती देवी ॥ Colophon: इति सरस्वती स्तुति । विशेष-अन्त में सरस्वती मन्त्र भी लिखा है।
देखें-Catg. of Skt.& Pkt. Ms., P. 706.
७६७. सरस्वती स्तोत्र
Opening
Closing Colophons
देखें-०६४ देखें-क० ६६८.
इति सरस्वती स्तोत्र समाप्तम् ।
७६८. सरस्वती स्तोष
Opening:
Closing :
नमस्ते शारदादेवी मिनस्याबुजवासनी। स्वामहं प्रार्थये नाणे विद्यादान प्रदेहमे ।। सरस्वती महाभागे यादृष्टा देवी कमललोचना, इसस्कधसमारूढा वीणापुस्तकधारणी । सरस्वती महाभागे परदे कामरूपनी, हसरूपी विशालाक्षी विद्यादे परमेश्वरी॥ इति सपूर्णस् । ७६९, सरस्वती स्तोत्र
Colphons ,
Opening! inea
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ॐ ह्री श्री अहवाग्वादिनी नन.! ह्रां ह्री रुक्षकवीक्षेशपशाचिकमले कल्पविस्पष्ट शोभे--