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श्री जैन सिद्धान्त भवन ग्रन्थावली Shri Devakumar Jain Oriental Library Jain. Siddhant Bhavan, Arrab
Closing . प्रगटरलगिन ते .. ... । Clophont अनुपलब्ध ।
६९५ कल्याणमंदिर वचनिका
Opening ! देखे, ऋ0 ६८२। Casing
" " मल कहिये पाप के निचया: समूह ही ते भव्ये
असे हैं। Colophont इति श्री कल्याणमंदिर स्तोत्र भाषाटीका समाप्ता ।
६९६. कल्याण मन्दिर सार्थ Opening : देखें, 20 ६८२
Closing! देखे, 70 ६६५॥ Colophon: इति श्री कल्याणमंदिर जी की टीका सहित ममाप्तम् ।
६६७. क्षमावणी आरती
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उनतीस अग की आरती, सुनो भविक चितलाय । मन वच तन सरधा करो, उत्तम नर भी (भव) पाय ॥ दोष न कहियो कोई, गुणग्राही पढे भावसौ। भूल चूक जो होड, अरथ विचारि के सोधियो ॥२३॥ इति क्षमावणी की आरती भाषा सम्पूर्णम् । ६९८. क्षेत्रपाल स्तुति
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जिनेन्द्र धर्म के सदैव रक्षपाल जी। बडै दयाल भक्तपाल क्षेत्रपाल जी ॥टेक। जिनेन्द्र द्वार रक्षपाल क्षेत्रपाल जी, तुम्हे वमे सदैव भव्यवृ द भाल जी। कृपा कटाक्ष हेरिए अहो कृपाल जी हमे समस्त रिद्धि सिद्धि द्यो दयाल जी । इति क्षेत्रपाल जी की सैर पूर्ण।
Colophon: