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श्री जैन सिद्धान्त भवन ग्रन्थावली Shri Devakumar Jain Oriental Libram, Jarn S.ddhant Bhavan, Arrob
Closing :
श्री स्वास्नीय वरेण्य गण्ये देवप्रमाचार्य पदाजहमः। वादीन्द्रचूडामणिराप जैनी जीयाद श्री कमल प्रभाख्य ।। इति श्री जिनपजररतोत्र सम्पूर्णम् ।
Colophon
६७७. जिनपजर स्तोत्र ', ;
Opening: Closing
ॐ ह्री श्री अहं अहं दमो नमो नम ॥ यस्मिन् गृहे महामक्तया यत्रोय पूजते बुध ।
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Colophon:
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Opening
Closing i ___Colophon .
६७८. जिनपजर स्तोत्र
ॐ ह्रा श्री हू, अभ्यो नमो नमः । ॐ ह्ना श्री ह्र. महदम्य
प्रात्समपुच्छीय , लक्ष्मीमनोठितपूरानाय ॥२४॥ इति जिनपजर सपूर्णम् ।
६७६: ज्वालामालिनी स्तोत्र Opening 1
ॐ नमो भगवते श्री चन्द्रप्रेजिनेन्द्राय शशाकशखगोक्षीर
हारधवलगात्राय घातिकर्मनिमलछेदनकराय । Closing :
"" " हरू हरू स्फुत स्फुट घे घे ऑ को क्षी डू सूक्षी क्षी
ज्वालामालिनि ज्ञापयते स्वाहा । Colophon: इति श्री ज्वालामालिनि स्तोत्र सपूर्णम् । शुभमस्तु ।
६८०. ज्वा तामालिनी देवी स्तुति ।। Opening: देखे--ऋष ६७६ .९ Closing . देखे--क्र० ६७६ । Colophon इति श्री बद्रप्रभतीवर की मालामालिनि शासनदेवी सकल
दुपहर मगलकर विजयकरस्त मोत्र सम्पूर्णम् ।