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श्री जैन सिद्धान्त भवन ग्रन्थावली Shri Devakumar Jain Oriental Library, Jain Siddhant Bhavan, Arrch
५५४. बालकमुण्डन विधि
Opening | मुन्डन सर्वजातीना वालकेपु प्रवर्तते ।
पुण्टिबलप्रद वक्षे, जनशास्त्रानुमार्गत ॥ Closing
..-." तत कुमार स्थापयित्वा वस्त्राभूषण अलकृत्वा गृहमानीय यक्षादीना अर्घदत्वा पुण्याहवचन पुन सचयित्वा सज्जनान्
भोजयेत् इति । Colophons नही है ।
५५५. भक्तामरस्तोत्र ऋद्धिमंत्र
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भक्तामरप्रणत . " - जनानाम् ।। Closing ! - ... अजनातस्कर वत निसक सत्य जान तो सर्वसिद्ध
होइ सत्यमेव ॥४॥ Colophon इति श्री गौतमस्वामी विरचिते अढ तालीस ऋद्धिमत्रभित
स्तोत्र भक्तामरमूलमत्र सम्पूर्णम् ।
५५६. भक्तामरस्तोत्र ऋद्धिमत्र
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देखे, क्र० ५५५। Closing |
देखे-क्र० ५५५ । Colophon i इति श्री गौतमस्वामी विरचिते अडतालीस ऋद्धिमत्रगुणगर्भित.
स्तोत्र सम्पूर्णम् ।
सम्वत् १९५० मी० 40 कृ०:१० । ५५७. भूमिशुद्धिकरण मंत्र
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Closing | Colophon
ॐक्षी भू. शुद्धयत् स्वाहा।
2. तालुरध्रण गत त श्रवतममृता तुभिः । नहीं है।