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( २७ ) जाण होवे २२ दिष्टान्त ना जाण होवे २३ न्यायरा जाण होवे २४ सौखणे समर्थ २५ प्राश्चितनां जाण होवे २६ थिर परिवार २७ आदेज बचन बोले २८ परोषह जीते २६ समय पर समय ना जाण ३० गंभौर होवे ३१ तेजवंत होवे ३२ पण्डित विचक्षण होवे ३३ सोम चन्द्रमांजीसा ३४ शूरवीर होवे ३५ बहु गुणी - होवे ३६
पुनः ५ पांच इन्द्री जीते ४ च्यार कषायटाले नववाड़ सहित ब्रह्मचर्य पाले ५ पंच महाव्रत पाले ५ पंच आचार पाले ग्यांन १ दर्शण २ चारित्र ३ तप ४ बिर्य ५ ५ पंच समिति पाले इर्या १ भाषा २ अषणा ३ पादान भंड निक्षेपण ४ उच्चार पासवण ५ ३ तीन गुप्तौ मन १ बचन २ कायगुप्तौ ३
इति षट बीस गुण संपूर्ण ।
॥ णमोउवज्झायाणं ॥ नमस्कार थावो उपाध्याय महाराजने ।
ते उम्पाध्याय महाराज हवा कै २५ पचबीस गुणे करौ सहित छै ते कहे छै। १४ चवदे पूरब ११ ग्यारे अंग भणे भगावे।।।