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________________ ॐ च्यार निक्षेपां री चौपाई @ दोहा । अरिहंत सिद्धनें आयरिया, उवज्झाय ने सब साध । यांरा गुण ओलखावणां करे, ते पामें परम समाध ॥ १ ॥ केई हिंसा धर्मों नौवड़ा, माने निगुणा देव धर्म | मारे छ: काय ना जीवानें, बांधे अशुभ कर्म ॥ २ ॥ नाम घापना द्रव्य भाव में, ए माने निक्षेपा च्यार । त्यांगै पिगण समझ पड़ े नही, त्यारा घट में घोर अंधार ॥ ३ ॥ ए च्यार निक्षेपां रो नाम ले, भोला ने देवे भरमाय । त्यांरी श्रद्धा नो प्रश्न पूछयां थका, ते झूठे बोले फिर नाय || ४ ॥ ते झूठ बोले है कि विधे, किण विध फिर फिर नाय । हिवे नाम निक्षेपा रो निर्णय कहूं, ते सुगज्यो चित लाय || ५ || ॥ ढाल पहली ॥ ( धीज करे सीता सती ने लाल । एदेशी ) एह टेढ़ डूम ने घोगे सग्गग रे लाल, भोल मोगा ने मुसलमान रे, मुगा नर चंडाल धुगधुर सर्व 1
SR No.010500
Book TitleJain Hit Shiksha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
PublisherKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
Publication Year1925
Total Pages243
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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