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नगौरव-स्मृतियां
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श्रीनगरमलजी का शुभ जन्म हुआ। श्री सागरमलजी उदार धर्म प्रेमी एवं नेतृत्वशील महानुभाव है। श्री जैन आदिश्वर चेरिटी टेम्पल, धर्मशाला के ट्रस्टी,. बम्बई जैन दवाखाना के सदस्य तथा श्री पार्श्वनाथ जैन विद्यालय तथा बोर्डिंग, श्री पोरवाल गोड़वाड़ संघ सभा एवं वर्धमान जैन बोर्डिंग के आप आजीवन सदस्य हैं। ग्राम-नारलाई (मारवाड़) के सरपंच है एवं यहां के एक गणमान्य व्यक्ति है । तथा स्थानीय जैन देव स्थान पेढी के ट्रस्टी भी हैं।
श्री पोरवाड़ जैनइतिहास समिति के आप सदस्य हैं तथा इसके प्रकाशन में विशेष सहयोग दे रहे हैं। इस प्रकार से आप का सामाजिक जीवन अनुकरणीय और प्रशंसनीय है।
आपके सुपुत्र श्री मेघराजजी, मिहालालजी, केशरीमल जी, शेषमलजी तथा जालमचन्दजी आपही के पाद चिन्हों पर चलने वाले सजन है । आप सब व्यवसाय में पूर्ण सहयोग देते हैं। ___ नं० १५ दागीना बाजार बम्बई नं० २ में श्री सागरमल जी नवलाजी के नाम से आपकी फर्म विगत ५२ वर्षों से सर्राफी एवं सोना चांदी के आभूषणों का व्यापार बड़ी प्रामाणिकता से कर रही हैं। मेसर्स भोगीलाल लहरचन्द १३४, १३६ जव्हेरी बाजार, बम्बई
इस फर्म के वर्तमान मालिक सेट लहरचन्द अभयचन्द व भोगीलाल लहर चन्द हैं । सेठ लहरचंद भाई करीव ५० वर्षों से हीरे का व्यवसाय करते हैं। आप जैन बीसा श्रीमाल सज्जन है । आपका मूल निवासस्थान माटन ( गजरात । इस फर्म की तरकी सेठ लहरचन्द भाई के हाथों से हुई।
वर्तमान में आपका व्यापारिक परिचय इस प्रकार है
(2) मेसर्स भोगीलाल लहरचन्द चौकसी बाजार बन्वई। .A. Shase hkant.-इस फर्स पर हीरा, पन्ना मोती आदि नवरत्नों का व्यापार होता है। तथा विलायत से डायरेक्टर जवाहरात का इम्पोर्ट होता है।
(२) वाटली बाई कम्पनी फोर्ट-~इस फर्म पर मिल, जोन, एवं एग्रीकलचर (खेतीवाड़ी) सम्बन्धी मशीनरी का बहुत बड़ा व्यापार होता है। * सेठ नरसिंहजी मनरुपजो, बम्बई
डिया राठौड़ गोत्रीय सेठ नरसिंहजी मनापजी का मूलनिवास स्थान गवरी मारवाड़ है। आपके पुत्र श्री गुलाबचन्दजी का जन्म सं० १६६५ कार्तिक
आप श्वेताम्बर मंदिर साम्राया है। सेठ नरसिंहजी मनरूपी' के नाम से थाणा वम्बई में सोना चांदी तथा जवाहरात का व्यापारहता है।
स्वसेठ नरसिंहजी का जीवन बड़ा धर्ममय या राणा जिन मंदिर के