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जैन-गौरव स्मृतियां
स्थानकवासी जैन कान्फ्रेन्स में आपका सभापतित्व काल एक महत्वपूर्ण अध्याय रहेगा। श्री अ. भा० ओसवाल महासम्मेलन के उप सभापति हैं। इस प्रकार आपकी सेवायें सर्वतोमुखि हैं इसके अतिरिक्त और भी कई संस्थाओं के आप अध्यक्ष व सभापति हैं।
आप बड़े उदार हृदय भी हैं ! आपने सम्पत्ति का बहुत बडा भाग राष्ट्रीय, धार्मिक तथा सामाजिक कार्यों में लगाया एवं लगाते हैं। राष्ट्रीय तथा धार्मिक सेवाओं के साथ साथ आप एक महान सुधारक हैं । आपने ओसवाल समाज में रूढ़ी का त्याग कर एक महान आदर्श रक्खा व समाज में जबरदस्ती क्रान्ति की है।
समाज में ऐसे नररत्न कम मिलेंगे जिनके पास पैसा भी हो और कार्य करने की शक्ति भी। आपके पास सब ही चीजें हैं । आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री नवलमल जी फिरोदिया भी आप ही के पद चिन्हों पर चलने वाले समाज तथा देश सेवक युवक है । सार्वजनिक सेवा में भी काफी भाग लेते हैं। .. *श्री रायचन्दजी मूथा बादनवाड़ी (सतारा)
सं० १९६७ में आषाढ़ सुदी ८ को आपका शुभ जन्म श्री फून्त चन्दजी के घर हुआ। श्री फुत्तचन्दजी धार्मिक और साधुसन्तों की सेवा में अभिरुचि रखने वाले सज्जन थे।
श्री रायचन्दी सामाजिक कार्यकर्ता एवं उदार हृदय सज्जन है । चादनवाड़ी की जैन पुस्तकालय के पुनर्जीवन में आपका अतिशय सहयोग रहा। कांग्रेस कमेटी के भी आप कर्मठ सदस्य हैं। आपके पुत्र विनयकुमारजी का जन्म.सं. १९८८ का है ___ जो अभी इन्दौर में मैट्रिक में अध्ययन कर रहे हैं । जड़ाव, लीला, कमला और शान्ती नामक चार कन्यायें भी हैं। .
.-हुमगांम ( सातरा ) के हिन्द मिल्स (आइल एण्ड राइस मिल्स ) के 'आप मैनेजर है।
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