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जन गौरव-स्मृतियाँ
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ठाकुरमलजी एवं जेठमलजी। सेठ वहादुरमलजी के ७ पुत्र हुए। इन में बुधः . मलजी ने कपड़े व सराफी के व्यापार में अच्छी उन्नति की। वुधमलजी के छोटे भाई गुलाबचन्दजी ज्युएएट हैं। आपकी साहित्य सेवा तथा जाति सेवा में विशेष रुचि है । आप कपड़े का स्वतन्त्र व्यापार करते हुए भी साहित्य सेवा तथा जाति सेवा के लिए भी समय निकाल ही लेते हैं । नागपुर कवि सम्मेलन . से ग्राप पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। वैसे भी आप लेख तथा पुस्तकें लिखते रहते हैं । सी० पी० बरार की ओसवाल
सभा स्थापित करने में आपने प्रमुख भाग मिला तथा मारवाड़ी सेवा संघ के सभापति भी रह चुके हैं। आप इन्कमटैक्स .. एक्सपर्ट व सेल्स टैक्स सलाहकार भी हैं। इन विषयों में आप अति निपुण और मध्य प्रदेश में ख्याति प्राप्त व्यक्ति हैं । धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन श्राप ऐतिहासिक : : दृष्टि से करते हैं। ५८ वर्ष की यायु में भी आप उत्साह पूर्वक सामाजिक कार्यों में सहयोग देकर हाथ बटाते और नवयुवकों को उत्साहित करते रहते है। आपके . इस समय चार पुत्र है उन में से ज्येष्ठ पुत्र शिखरचन्दजी बहुन गम्भीर और तर्कवाद में बहुत कुशल है। * सेठ प्यारलालजी मुणोत रियांवाले -दमोह अजमेर के राय सेठ चांदमलजी मुणोत एक तव्य प्रतिष्ठित सज्जन होचुके है आपके लपत्र श्री प्यारेलालजी का जन्म मं० १६५१ माघ सुदी १ में हुअा। आप प्रिय, उदारमना एवं शान्त प्रकृति के सज्जन है । समय २ पर धार्मिक कार्यो शिक्षा के लिए आर्थिक योग देकर अपनी उदारता का परिचय देते है। आपके होपनियां हैं। श्री चांदमल प्यारेलाल नामक पापी फर्म पर माल गुजारी एवं कृपि का कार्य होता है। * सेठ चैनकरणजी गोलेला-चांदा
आप मिलनसार, सद्व्यवहारी एवं कर्तव्यशील सज्जन है। व्यापारिक काय .. मेंप्रच्छी सफलता प्राप्त की। धार्मिक कार्यो में भी पूर्ण उत्साह के साथ भाग लेते
जैन श्वेताम्बर मण्डल" तीर्थ भद्रावती के श्राप सभापति है। आपके