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जैन-गौरवस्मृतिया
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मुलनन्दजी का जन्म सं०-१९६४ में हुआ। प्रारम्भ से ही सार्वजनिक कार्यों की ओर आपकी विशेष अभिरुचि थी । अतः शीव्र ही आप लोकप्रिय हो गये । जबलपुर के राष्ट्रीय, सामाजिक और धार्मिक इस प्रकार से प्रत्येक क्षेत्र में आप कार्य करते रहे सन् १६३६ में आपकी धर्मपन्नि सूरजकंवरबाई की पुण्य-स्मृति में जैन श्वेताम्बर विवाह पद्धाते' अमूल्य भेंट स्वरूप प्रकाशित कर जैन समाज के एक प्रभाव की पूर्ति की । आपके सुपुत्र जीग्नचन्दजी ने सन् १६४६ मैं बी० ए० की परीक्षा पास की। लिखने की ओर भी कुछ मचि है, तथा तीन वर्ष से 'सदर बाजार अमेचर ड्रामेटिक क्लब' के मंत्री पद पर है। श्री मूलचन्दजी गोलेछा-आप इस समय जबलपुर की कई संस्थाओं के उच्च पदाधिकारी हैं । जैसे सदर बाजार सेवा समिति तथा नवयुवक मंडल के सभापति, श्री शांति जैन पुस्तकालय एवं मारवाड़ी सेवा संघ के मंत्री । आप कन्टून्मेन्ट बोर्ड के मेम्बर भी निर्विरोध चुने जा चुके हैं। तथा इस वर्ष (१६५०) सदरवाजार रामलीला कमेटी के सभापति चुने गये है। *सेठ रतनचन्दजी गोलेछा, जबलपुर:---
फलोदी निवासी सेठ धनराजजी गोलेछा के सुपुत्र रतनचन्दजी गोलेछा का जन्म स. १६५६ , में हुआ । श्राप अोसवाल जैन समाज में एक आगेवान सज्जन माने जाते हैं । समाज संगठन व सुधार कार्यों में तथा सार्वजनिक जनहित के कार्यों में आप सदा तन मन धन से सक्रिय सहयोगी रहते हैं । अ० भा० ओसवाल महा सम्मेलन के आप उप सभापति रहे हैं एवं कुदनमेण्ट बोर्ड 'जबलपुर के भी उप सभापति रहे हैं। वर्तमान में आप जैन श्वेताम्बर कान्स स्टेडिंग कम्पनी के मेम्बर एवं ए. पी. नर्मदा हाई स्कूल जबलपुर के चेयरमैंन है । जबलपुर में आप एक प्रतिष्ठित श्रीमन्त गिने जाते हैं । 'सेठ रतनचंदजी लालचंदजी गोलेछा, सदर बाजार जवलपुर' के नाम से अापकी फर्म पर सोना -चाली व सराफी किंग एजेन्सी का व्यवसाय विशाल पैमाने पर होता ★श्री सेठ मिनीलालजी वाफना-काटा:-- .. श्री छगनलाल बाफमा के सुपुत्र श्री मिश्रीलाजजी वाफना ४५ वर्षीय महानु.
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