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- जैन-गौरव-स्मृतिर whitehetiti
k kkamikARAN ★सेठ श्री राजमलजी चोरड़िया-चालीस गांव (पूर्व खानदेश)
श्रीमान् रतनचन्दजी चोरड़िया के पुत्र राजमलजी चोरडिया का जन्म: सं० १६६०. के माघ बदि - को हुआ। अभी आप चालीस गाँव में वसन्तलाल
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सेठ रतनचंदजी चौरड़िया .. . .. श्री राजमलजी चौरड़िया .. बनारसीलालजी शेकसरिया के साझे में कार्य करते हैं। इस प्रान्त में रुई एवं मूंगफली का काम वृहद रूप में होता हैं। आपके सजन कुवरी १४ वर्ष एवं जथाकुवंरी ११ वर्प एवं दो पुत्र हैं जिनके नाम अगरचन्द एवं नरेन्द्रकुमार है।
श्री राजमलजी चोरडिया सामाजिक एवं धार्मिक कार्यो में उत्साह के साथ भाग लेते रहते हैं। पूज्य श्री हुक्मीचन्द्रजी महाराज के सम्प्रदाय के हितेच्छु मण्डल रतलाम के आप माननीय सदस्य एवं हिसाव के आडीटर हैं। "महावीर जैन विद्यालय” लासल गाँव के आप शिक्षणमन्त्री "दया धर्म प्रचार संव देहली के आप वर्किङ्ग कमेटी के मेम्बर है । पयू पण के अवसर पर आप व्याख्यान देने को आमन्त्रण पर जाते हैं। खानदेश ओसवाल सम्मेलन के आप प्रमुख मेम्बरों में से हैं। समाज की ओर से आपको कई सुवर्ण एवं रजत के मान पत्र मिले हैं। . ★श्री सेठ किशनलालजी माणकचन्दजी सिंघी उत्तराणा (खानदेश)
- श्री सेठ जोहरमलजी के पुत्र किशनदासजी नामाङ्कित पुरुष हुए हैं । आई कर्तव्य शील एवं धर्म प्रेमी सज्जन थे। सं० १६४३ में आप स्वर्गवासी हुए। आपके. यहाँ माणकचन्दजी गोद आये। श्री माणकचन्दजी का जन्म सं० १६४५ में हुआ।