SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 644
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन-गौरव-स्मृतियो PrPANNAPHAAHERAPHERAPainikmeraneeti. परिवार प्रतिष्ठित एवं गौरवशाली है। स्थानकवासी समाज के अग्र गण्या श्रावक हैं । सराफा बाजार में... हमीरमल छगनमल वेद मूथा के नाम से सोना चाँदी और जवाहरात का व्यवसाय होता है । फर्म की दोशाखायें "माणकचंद मूलचन्द" " और "द्विपचंदजी गोपीकिशन" के नाम से हैं। * सेठ रिद्धराजजी सिद्धराजजी धाड़ीवाल लश्करः .. . अठाहरवीं शताब्दी में यह एक चमकता हुआ परिवार था। सेठ हंसराजजी. को जोधपुर महाराजा मानसिंहजी ने चौथाई महसूल माफी का परवाना सं० १८. ६१ में दिया । इसी प्रकार इन्दौर नरेश भी सम्मान करते थे। आपके जसराजजी पनराजजी और रूपराजजी तीन पुत्रं हुए - सेठ पनराजजी के दत्तक प्रपौत्र . र 5 Pet . . . . . ": JAMT... 1- म " Akar ... t ... e '-.--- Mak P : .. . . SEARSA स्व० सेठ रिद्धराजजी सेठ सिद्धराजजी सेठ रिधराजजी का जन्म सं० १९२३ भादवा सुदि १४.अनन्त चतुर्दशी,को हुआ . 'आप लश्कर ही नहीं वरन् ग्यालियर राज्य तथा ओसवाल समाज में यशस्वी रहे। .. भूतपूर्व ग्वालियर नरेश माधवराव जी सिन्धीया के अत्यन्त विश्वसनीय एवं सम्मा. नित व्यक्तियों में थे । आपने जीवन काल में प्रायःसभी शासकीय तथा सार्वजनिक संस्थाओं में अग्रेसर होकर भाग लिया। ८४ वर्ष की आयु में सं० २००६ महा . : . सुदि १० को आप दिवंगत हुए। आपके चार पुत्र श्री सिद्धराजसी, सम्पतिराजजी, ... सज्जनराजजी एवं सूरजराजजी हैं। .. .. .. . ... .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy