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जैन-गौरव-स्मृतियाँ
'मूलजी जेठा मार्केट गोविन्द चौक वम्बई में कपड़े का व्यवसाय विशाल पैमाने पर होता है। *सेठ चन्दनमलजी पूनमचंदजी जैन सादड़ी मारवाड़
धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत श्री सेठ चन्दनमलजी का शुभ जन्म सं० १९४६ श्री सेठ पूमचंदजी पोरवाल के यहाँ हुआ। आपके पूज्य पिताश्री की धार्मिक वृति का प्रभाव आप पर अतिशय पड़ा । आपने अपने जीवन में जो शिक्षा सम्बन्धी सेवायें की वे समाज के लिये गौरव की वस्तु है । श्री आत्मानन्द जैन विद्यालय सादड़ी में ऋषभदेव भगवान का शिखर वन्द जैन मन्दिर बनवाकर सं० २००५ को आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी के कर कमलों से माघ सुदि ५ को प्रतिष्ठा करवाई । इस अवसर पर अञ्जन शालाका भी करवाई गई। श्री पार्श्वनाथ जैन हाई स्कूल वरकाणा, श्री पार्श्वनाथ उम्मेद जैन हाई स्कूल फालना एवं श्री वर्धमान जैन हाई स्कूल सुमेरपुर के आप अजीवन सदस्य हैं । इससे ज्ञात होता है कि समाज में शिक्षा प्रचार करने के वास्ते आपके हृदय में कितनी लगन है । सादडी के शुभ चिन्तक जैन समाज के आप प्रमुख हैं।
आपके पुत्र श्री पुखराजजी और लालचन्दजी आप ही के पद चिन्हों पर चलने वाले योग्य पुत्र है । वर्तमान में व्यवसाय सम्बन्धी देख भाल प्रायः आप ही करते हैं। पारसी गली उस्मान मंजिल बम्बई नं० ३ में श्री चन्दनमलजी लालचंद" के नाम में आपकी फर्म पर जनरल मर्चेन्ट और कमीशन एजेन्ट का कार्य होता है। *सेठ देवीचन्दजी पन्नाजी तखतगढ़ (मारवाड़)
सेठ पन्नालालजी, प्रोकचन्दजी व अचलाजी तीनों भाई बड़ धर्म निष्ट और दानवीर हुए हैं। श्री देवीचन्दजी सेठ पन्नालालजी के मुपुत्र है।
आपका जन्म सं. १६६८ माघ शुदि ८ को हुया। श्री देवीचन्दजी श्रीमत के आगेवान सज्जन है । तथा स्थानीय धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में उदारता पूर्वक भाग लेते हैं । सरदारमलजी, मोहनलालजी, वरूपलालजीनामक तीन
और जडाव" नामक कन्या है । विविध पूजा संग्रह नामक पुस्तक अगी आपने १५००) व्यय करके मुनि भाव विजयजी के सदुपदेश से प्रचारित की।
चिकपैठ बंगलोर में "देवीचन्द पन्नाजी के नाम से कपड़े का बड़े पैमाने पर व्यवसाय होता है। स्थानीय समाज में शापका परिवार प्रतिष्ठित और माननीय श्राप लोग
शा भलगद गोत्रोत्पत है। प्रापके पूज्य पिताशी पन्नालालजी ने अपने बन्धों के सहयोग से ।। लाय का मन्च जिनमन्दिर बनवाया।