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________________ जैन-गारव-स्मृतिया ..... उत्साह पूर्वक कार्य किया । आपके पुत्र श्री सरोजकुमारजी । आपके पूज्य पिताजी श्री गिरधारीलालजी पाटनी वयोवृद्ध धर्म निष्ठ महानुभाव हैं। आयु ६३ वर्ष की है. : अधिकांश समय धर्म कार्य में ही व्यतीत होता है । नंम्वर ३ पैशाख स्ट्रीट कलकत्ते 5. में "मदनलाल मांगीलाल पाटनी' फर्म पर जूट एवं गल्ले का व्यापार । विहार . आसाम एवं डेह में भी आपकी फमें हैं। +श्री झूमरमलजी कोठारी-डेह-(मारवाड़) . - .. . . . mainmedia.cominion श्री सेठ रुप चन्दजी कोठारी के सुपुत्र श्री झमरमलजी का शुभ जन्म सं० १६७४ मिगसर सुदी १५ का है । आप एक उत्साही तथा मिलनसार युवक हैं "श्री वीर युवक मण्डल डेह (मारवाड़) के श्राप सक्रिय सदस्य हैं । धार्मिक कार्यों में आप समय २ पर सहायता देते रहते है। श्री कंवरीलालजी और मदनलालजी नामक आपके दो पुत्र हैं। वावरा ( पूर्वी पाकिस्तान ) में रुपचन्द झूमरमल" के नाम से पाट, तमाखू और कपड़े का व्यापार होता है । इसी नाम से आपकी एक फर्म 'डेह' में भी है । आपकी होशियारी से फर्म तरक्की पर है ! आप का उत्साह श्लाघनीय है। ..... *सेठ हिम्मतमलजी-सुमेरपुर-(मारवाड़) । बोहरा ग.त्रोत्पन्न श्री सेठ मुन्नीलालजी के सुपुत्र श्री हिम्मतमलजी एक मिलन सार सज्जन हैं । आपकी आयु ४० वर्ष की है । आप व्यापार कुशल और धर्म श्रेष्ट और सामाजिक कार्यों में सहृदय पूर्वक भाग लेते हैं. स्थानीय व्यापारिक एशोसियसन के सदस्य हैं । आपके घीसूलालजी, एवं जौहरीलालजी नामक दो पुत्र .... हैं । जो अभी अध्ययन कर है । “एम० एल० एन्ड कम्पनी के नाम से आपके यहां । साइकिलों तथा मोटर के पुर्जी का व्यापार होता है। ... Ladamani...... 4.manane ........ m arariumre .. . .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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