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________________ सेठ थानमलजी मुणोत-बिदासर ( बीकानेर ___ जन्म सं०१६३५. में हुआ। बचपन : से ही मेधावी थे अतः आपने , ' जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त की प्रारम्भ में श्राप सेठ थानसिंह करमचंद . दूगड़ की फर्म पर साझीदारी से कार्य करते रहे । सं०१९७२ में आपने “दूलीचन्द थानमल" नामक फर्म स्थापित कर जूट का व्यवसाय-किया। सं० १६. ६६ में "थानमल कानमल" नामक स्वतंत्र फर्म स्थापित कर महती सफलता प्राप्त की। ज्जेष्ठ पुत्र श्री कानमलजी ३४ . वर्ष के है एवं लघु पुत्र मांगीलालजी २८ वर्ष के है । कानमलजी के जसकरणजी, पूनमचन्दजी, लालचन्द जी एवं हँसराजजी नामक पुत्र है । जिनकी आयु कमशः १८, १०, ७,३ वर्ष है। मांगीलालजी के जीतमलजी एवं मोतीलालजी नामक दो पुत्र हैं । इस प्रकार से यह सेट थानम्लजी मुणोत, बीदासर ... NH vement. . Manoram . .. वर . Iti. .. :.'. ' . . - . Rs. शस स SEX 1 ...... . . . .. ress. 18 . woarati 4 मांगीलालजी मुणोत बीदासर कानमलजी मुणोत बीदासर . ... -- -- ...
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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