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जैन-गौरव-स्मृतियां .
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को धर्मध्यान आदि सत्कार्यों में विशेष संलग्न है । आएकी और से 'श्री गोविन्दराम भंसाली पारमार्थिक संस्था चलती है। इस संस्था के संचालन केलिए कलकत्ते में एक पचास हजार रुपये का मकान निकाला हुआ है जिसकी व्याज की आमद से पारमार्थिक संस्था के अन्तर्गत चलने वाजी श्री गोविन्द पुस्तकालय तथा श्री जीवन रक्षा पशुशाला का संचालन होता है।
आपके सुपुत्र श्री भीखनचंदजी भी एक सुविचारवान सज्जन है। आपके ४ पुत्र है:-मोहनलालजी, करमलसिंह, विमलसिंह, तथा गजेन्द्रकुमार ।
भीग्रानचन्दजी मंगाली, बीकानेर . * न्याग मूर्ति श्री शीववक्षजी कोचर, बीकानेर
श्राप ममम्न मांसारिक मंझटों, व्यवमाय श्रादि को छोड़ कर एकमात्र धर्म व समाज सेवा में संलग्न है बीकानेर में चल रहे. जैन हाईकल नधा बन रहे "जन कोलेज" के निर्माण व संचालन का बहुत कुछ श्रेय श्राप ही कोई । मय परिप्रा. त्याग कर एक यादर्श साधु का पवित्र जीवन व्यतीत कर रहे हैं बकानेर प्रान्न की जैन समाज में बाप एक श्रादर्श व्यक्ति माने जाते है । मब पर बडा प्रभाव है। * सेठ रामरतनजी कोचर बीकानेर
बीकानेर के एक लयमापति कपड़ा व्यवमान के नाथ नाथ नगर की मार्वजनिक प्रत्तियों प्राग मी श्राप । सब क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव व निष्का ।। मार्मिक कार्यों में विशेष अभिमचि । जन कोलज निर्माण में आपका यह मायोग .. रहा नगर में हर जनहित कार्य में प्रापका मार्थिक व मागिय मायोग मना है। यही उदार तिवापी विचार धारा यही मुली स्वतंत्र पर गंभीर
नाम जी श्रीमाल के पटले में वापसी कप की दुकान है।
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