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________________ - - O जैन-गौरव-स्मृतियां . . . . ....... ६०४ . *सेठ नथभलजी दस्साणी, बीकानेर आप बीकानेर के एक प्रतिष्टित श्रीमंत तथा स्था० जैन समाज के आगेवान | कार्यकर्ता हैं । आपका जन्म वि० सं० १९६० श्रावण कृष्णा २ का है। पिताजी । का नाम सेठ श्री मुन्नीलालजी है तथा सेठ ... चाँदमलजी के यहां आप गोद गये हैं। कलकत्त में १२२ क्रास स्ट्रीट पर। • . 'चांदमल नथमल' के नाम से कपड़े का व्यवसाय विशाल पैमाने पर होता । तथा. आठनेर (वैतूल-सी-पी) आपकी निजि जमीदारी का गांव है तथा यहाँ पर आप का कपड़े तथा साहूकारी लेन देन का काम होता है। आप सुधार प्रिय नवीन विचारों के कर्मठ कार्यकर्ता भी है । समाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त है । आपके ४ पुत्र है । भँवरलालजी, प्रकाशचन्दजी, देवेन्द्रकुमार तथा चितरंजनकुमारजी। भंवरलालजी Pramom .. ATI . . .. .. . . . EMENT .. १magegreemergrogginger yarajagurupay •wnloadkution twinnints: -- - श्री भंवरलालजीदस्साणी ___ श्री प्रकाशचंदुजी दस्साणी . १ पुत्री है । आप भी अपने पिताजी की तरह सुविचारवान हैं।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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