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हुआ । श्रीमान चिमनलालजी तथा उनकी धर्मपत्नि श्री पांचु बहनने उद्यापन किया। तथा मगनलालजी की श्रीमती श्री चन्दन वाई ने उद्यापन किया, सब २० हजार रुपये खर्च हुए। इस प्रकार से समय २ पर. अन्य धार्मिक कृत्यों पर भी खूब खर्च किया । श्री चिमनलालजी धार्मिक कार्य कलापों में खुव ध्यान देते हैं। आपने वतिए किया एवं वन्दन शलाका पर ४० हजार खर्च किया।
बम्बई के मूलजीजेठा मार्केट में आपकी दो फर्मे "मगनलाल चिमनलाल" "मन्नभाई मूलचन्द" के नाम से है । जहाँ पर कपड़े का व्यापार इम्पोर्ट और एक्स पोर्ट रूपसे होता है । इसके अतिरिक्त इन्दौर में भी आपकी फर्म हैं।
शिक्षा प्रचार की ओर आप उदार चेताओं का कितना ध्यान है यह मालवाड़ा का सेठ प्रौमाजी अोकाजी हाई स्कूल' बता रहा है । परोपकारी हर कार्य में आपकी बड़ी सहायता रहती है । आप प्रायः गुपदान विशेष प्रदान करते रहते हैं। बहुत बड़े श्रीमंत होते हुए भी आप सब भाई बड़े सादगी प्रिय है। सब का जीवन बड़ा धार्मिक प्रवृत्ति युक्त उदार है । पारमार्थिक कार्यों में सहायता करना तो इनका जन्मजात गुण बना हुआ है।
__जैन साहित्य प्रकाशन कार्य में श्राप की बड़ी दिलचस्पी है। कई पन्यों के प्रकाशनों में आपका आर्थिक सहयोग रहा है । जैन-गौरव स्मृतियाँ अन्य प्रकाशन की जब श्रापसे चर्चा की गई तो आपने स्वयमेव ५००) की महान् सहायता प्रदान करने की उदारता प्रकट की। रामपुरिया परिवार-बीकानेर
बीकानेर का रामपुरिया परिवार भारत के उद्योग पतियों में अपना प्रमुख स्थान रखता है इस परिवार में कई मेधावी और व्यापार-कुशल सज्जन हुए जिनके सञ्चालकत्व में "हजारीमल हागराताल" फर्म ने याशातीत सफ लता प्रान करके भारत की धनकुबेर फा में प्रतिमित हुए। फर्म से न केवल बंगाल और राजस्थान की संस्थानों के अपितु अनेक प्रांतों में अनेक संस्थाओं को उपरोक्त फर्म द्वारा प्राधिक संरक्षण प्राप्त होता है । कलकत में चलासरि के कार्य में उपरोक्त फर्म मर्व प्रथम है । यहाँ पर इस परिवार द्वारा दी रामपुरिया काटन मिल्म लिमिटेड स्थापित है जिसका उपरोस. फर्म मेनेजिा एजेन्टस। मिल में २५००० रिपन्नास और लगन हैं। देश . व्यापी बन्न व्यवसाय एवं मजदूर संघ को ऐसी माान संन्याओं से काफी सहयोग शाम होता है।
रामपुरिया परिवार की हदय कोमलता भी प्रशंसनीय जिसका ज्वलन्त उदाहरण आप द्वारा संचालित बीकानेर का रामपुरिया इन्टर कालेज व
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