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जैन-गौरव-स्मृतियां
५६७ .... आँखों के मुफ्त आपरेशनः- आपने सन १६४६ में व्यावर में प्रसिद्ध
नेत्रा चिकित्सक से गरीब व्यक्तियों के मुफ्त में आँखों के आपरेशन करवाये करीव ३२५ आपरेशन हुए । मरीजों तथा साथ में आने वालों सब के ठहरने भोजन तथा सेवा सुश्रुपा की व्यवस्था आपकी ओर से थी। स्वयं ने तथा सेठानी जी ने रोगियों की विना भेद-भाव तन, मन व धन से सेवा की। . इस प्रकार की आपकी दानवीरता के कई प्रकरण हैं। कई व्यक्तियों को आपने आर्थिक सहायता देकर धंधे सर लगाया आपके मुनीमों तथा मिलने वालों में कई ऐसे व्यक्ति हैं जिनके पुत्र पुत्रियों के विवाह अपने खच से कराये हैं।
पुस्तक प्रकाशन कार्य में भी आपकी अच्छी रुचि है इस तरह सेठ साहेब प्रति वर्ष करीब ५० हजार रुपया शुभ कार्यों में लगाते हैं ।
शिक्षा प्रचार :- आपका ध्यान शिक्षा प्रचार कार्यों की ओर विशेष है । आपकी ओर से बंगलोर, खारची, वल्दा , जैतारण आदि स्थानों पर शिक्षण संस्थाएं चल रही हैं। जिनमें सैंकड़ों छात्र निशुल्क शिक्षा पारहे है। उच्च आयास करने वालों को आपकी ओर से छात्रवृतियाँ भी प्रदान की जाती हैं।
इस शिक्षा प्रचार विभाग में प्रति वर्ष १५-२० हजार रुपया खर्च किया जाता है स्थानकवासी जैनसमाज की तथा ओसवाल समाज की शायद ही कोई ऐसी संस्था होगी जिसे सेठ साहेब द्वारा सहायता प्राप्त नहीं हो। अनेक संस्थाओं के तो श्राप जन्मदाता सहायक और संरक्षक हैं।
अोमाजी अोखाजी, मालवाड़ा, ( जोधपुर )
[ग्रन्थ के माननीय संरक्षक ]
इन सीघे मादे मारवाड़ी सज्जनों को देखकर यह कभी अनुमान नही लगाया जा सकेगा कि ये एक बड़े श्रीमंत होंगे तथा श्रीमंताई के साथ २ एक बड़े दानवीर भी होंगे।
____ मारवाड़ के इस गुम दानी परिवार की प्रसिद्धि अन्य श्रीमतों की तरह ५. चाहे न हो पाई हो पर सेठ मगनलालजी, सेठ मूलचन्दजी श्रीर, सेट चिम्मनलालजी तीनों यंधु जैन समाज के "गुदड़ी में छिपे लाल" हैं अपनी सम्पति का उपयोग परोपकारी कार्यों में करने में परम उदार है।
पोरवाल गोत्रोत्पन्न इस परिवार की कार्य भूमि मृख्य रूपसे मारवाट