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________________ ★ जैन- गौरव स्मृतियां: अब यहाँ यह प्रमाणित किया जाता है कि जैनधर्म बौद्ध धर्म से ही नहीं अपितु वेद धर्म से भी प्राचीन है । प्राचीन भारत में मुख्य रूप से तीन धर्मों का प्रभुत्त्व रहा है:जैन धर्म, बौद्ध धर्म और वेद धर्म । इन तीनों के सम्बन्ध में यहाँ विचार करना है । प्रथम बताना ठीक है. यह तो निर्विवाद हैं कि बौध्द धर्म के संस्थापक बुध्द हैं । ये भगवान् महावी कि जैन धर्म बौध्द धर्म से प्राचीन है और मौलिक है । के समकालीन हैं । इससे यह सिध्द है कि बौध्द धर्म लगभग अढ़ाई हजार व पूर्व का है इससे पहले बौध्द धर्म का अस्तित्त्व नहीं था । आज के निष्पच इतिहास वेत्ताओं ने यह स्वीकार कर लिया है कि जैनधर्म बुध्द से बहुत पहले ही प्रचलित था । इससे लेथत्रिज, एलफिस्टन, ब्रेवर, वार्थ आदि पाश्चात्य विद्वानों ने जैनधर्म को बौध्द धर्म की शाखा मानने की जो गलती की है उसका संशोधन हो जाता है । उक्त विद्वानों ने वस्तुस्थिति का परिपूर्ण . ज्ञान प्राप्त करने के पहले ही पूर्वग्रह के कारण दोप में फंसकर गलत राय कायम कर ली है । केवल अपने पूर्वग्रह के कारण किये गये अनुमान के बल पर जैन धर्म के सम्बंध में ऐसा गलत अभिप्राय व्यक्त करके इंहोंने उसके साथ ही नहीं परंतु वास्तविकता के साथ न्याय किया है । 1 जैनधर्म बौद्ध धर्म से प्राचीन है ... इन विद्वानों के इस भ्रम का कारण यह है कि जैनधर्म और बौध्द धर्म के कुछ सिध्दांत आपस में मिलते जुलते हैं । भगवान् महावीर और बुध्द ने तत्कालीन वैदिक हिंसा का जोरदार विरोध किया था और ब्राह्मणों की अखण्ड सत्ता को अभित्रस्त किया था इसलिए ब्राह्मण लेखकों ने इन दोनों - धर्मो को एक कोटि में रख दिया । इस समानता के कारण इन विद्वनों को यह भ्रम हुआ कि जैन धर्म बौध्द धर्म की एक शाखा है। ऊपरी समानता को देखकर और दोनों धर्मो के मौलिक भेद की उपेक्षा करके इन विद्वानों ने यह गलत अनुमान बांधा था । जर्मनी के प्रसिध्द प्रोफेसर हर्मन जेकोबी ने जैनधर्म और बौध्द धर्म के सिध्दांतों की बहुत छानवीन की है और इस विषय पर बहुत अच्छा • प्रकाश डाला है । इस महापण्डित ने अकाट्य प्रमाणों से यह सिध्द कर दिया *XX*XXX (ɛɛ) жXXX
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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