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________________ - ३१८ मध्यप्रदेश | मौजूद है | स्टेशन (G.I. P. ) वर्धासे इस लैनका एक फाटा जिला चांदामें वरोरातक गया है । १९०९ ई० में इस नगर में ९८७२ आदमी मनुष्य गणनाके अनुसार बसते थे । अब अनुमान १०००० बसते हैं जिसमें २४३ दिगम्बर जैनी हैं । और ३ शिखरबन्द मन्दिरजी हैं जिसमें ६६ धर्मशास्त्र हैं । यहांके मन्दिरमें भौहरा अभी अच्छा बना हुआ है । इस नगर में हरतरहका व्यापार होता है विशेष करके कपाशीका बहुत क्रय विक्रय होता है। . वाशीम | प्रान्त बरार जिला अकोला में यह कसवा तहसीलका सदरमुकाम है | यहांपर वैष्णवांका बालाजीका मन्दिर अति मनोग्य देखने योग्य है वा दो तालाब १ पद्मतीर्थ नामका और एक बालाजीका मन्दिरके पास चंद्रतीर्थ नामका अच्छा बना है । यहांपर दिगम्बर जैनियोंके गृह ५७ हैं तथा आबादी २४० हैं | दो शिखरबन्द मन्दिरजी हैं और दोनोंमें २ मोहरे हैं और उनमें धर्मशास्त्र ४० हैं । मन्दिरके पास एक धर्मशाला भी है । 1 यहां पर कपड़ा अच्छा बनता है । यह ग्राम पहिल, निजाम सरकार के आधीनमें थ पर ५०-६० वर्ष से अंग्रेजों के आधीन में आया है । • शहडोल 1. राज्य रीवा, परगना सोहागपुर में यह ग्राम बंगाल - नागपुर रेलवेका बड़ा स्टेशन है और बहुतसे बंगले अंग्रेजों के बने हैं । यहांपर जैन दिगम्बर आम्नायके गृह २१ हैं मनुष्यसंख्या ९३ है, एक मन्दिर जिसमें अनुमान १० दश धर्मशास्त्र हैं । यहांपर कई प्राचीन मन्दिर और छोटे २ तालाब हैं और खण्डित प्रतिमां भी पाई जाती हैं। यहां घी और अनाजकी बड़ी मण्डी है । जङ्गलकी इन्स्पेक्टरीका दफ्तर और गोदाम और परमिटकी इन्स्पेक्टर, मदरसा, डाकघर और पुलीसकी चौकी भी है ।
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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