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: ४ : गोम्मट-मूर्ति की कुण्डली श्रीयुत गोविन्द पै के मतानुसार 'श्रवणबेल्गोल' के गोम्मट स्वामी की मूर्ति की स्थापना-तिथि १३ मार्च, सन् ९८१ है। बहुत कुछ सम्भव है कि यह तिथि ही मूर्ति की स्थापनातिथि हो । क्योकि भारतीय ज्योतिष के अनुसार 'बाहुबलि चरित्रे' मे गोम्मट-मूर्ति की स्थापना की जो तिथि, नक्षत्र, लग्न, सवत्सर आदि दिये गये है वे उस तिथि मे अर्थात् १३ मार्च, सन् ९८१ मे ठीक घटित होते है। अतएव इस प्रस्तुत लेख मे उसी तिथि और लग्न के अनुसार उस समय के ग्रह स्फुट करके लग्न-कुण्डली तथा चन्द्रकुण्डली दी जाती है और उस लग्न-कुण्डली का फल भी लिखा जाता है। उस समय का पञ्चाग विवरण इस प्रकार है
श्रीविक्रम स० १०३८ शकाब्द ९०३ चैत्र शुक्ल पचमी रविवार घटी ५६, पल ५८, रोहिणी नाम नक्षत्र, २२ घटी, १५ पल, तदुपरान्त प्रतिष्ठा के समय मृगशिर नक्षत्र २५ घटी, ४८ पल, आयुष्मान् योग ३४ घटी, ४६ पल इसके बाद प्रतिष्ठा समय मे सौभाग्य योग २१ घटी, ४९ पल ।
उस समय की लग्न स्पष्ट १० राशि, २६ अश, ३९ कला और ५७ विकला रही होगी। उसकी पड्वर्ग-शुद्धि इस