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________________ ( ५६ ) ( ६ ) प्रश्न: नव ग्रीवेयेक के नाम कहो ? उत्तरः १ भद्दे २ सुभद्दे ३ सुजाए ४ सुमारासे ५ सुदंसणे ६ प्रियदंसणे ७ आमोहे ८ सुप डिवदे & जसोधरे. (७) प्रश्न: पांच अनुत्तर विमान के नाम कहो ? उत्तरः १ विजय २ विजयंत ३ जयंत ४ अपराजित व ५ सर्वार्थसिद्ध. ( ८ ) प्रश्न: यहां से अपन देवलोक में जा सकते हैं या नहीं ? उत्तरः इस शरीर से तो नहीं जा सकते. पुण्य किये होवे तो मरने के पीछे वहां जा सकते हैं. ( ६ ) प्रश्न: वैमानिक देव किस लोकमें रहते हैं ? उत्तरः उर्ध्व लोक में याने उंचा लोक में. (१०) प्रश्न: उर्ध्व लोक में वारह देवलोक किस जगह उत्तरः यहां से असंख्यात जोजन ऊंचे जाने वाद पहला व दूसरा देवलोक आता हैं, दोनों मिल कर चंद्रमा जैसे गोल हैं जिन में दक्षिण तरफ के आधा भाग पडला सुधर्म . देवलोक व उत्तर तरफ के आधा भाग दूसरा इशान देवलोक है. वहां से असंख्यात जो. जन ऊंचे. तीसरा व चोथा : दो देवलोक चंद्रमा जैसे गोल आकार में हैं जिनमें दक्षिण तरफ का भाग सनत्कुमार देवलोक हैं व उत्तर तरफ का भाग माहेन्द्र देवलोक है. वहां से असंख्यात जोजन उपर पांचमा ब्रह्मलोक देव लोक है वह परिपूर्ण चंद्र के आकार में है वहां से असंख्यात जोजन पर -
SR No.010488
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year
Total Pages85
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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