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( ५५ ) (७६) प्रश्नः अपर्याप्ता कहांतक गिना जाता है ? ___ उत्तरः जिस गति में जितनी पर्याप्ति बांधने की
होवे उतनी पुरी न वांधे वहांतक अपप्तिा कहाना है (छ मजा बांधने की होवे तो पांच वांधे वहांतक अपर्याप्ता, पांच वांधनेकी होवे तो चार तक अपर्याप्ता और चार बांधनेकी होवे तो तीन तक अपर्याप्ता
कहाता है.) (७७) प्रश्नः अपनी पास कितनी पर्याप्ति हैं ? . उत्तरः छओं (७८) प्रश्नः समूर्छिम मनुष्य के कितने भेद हैं ? ___ उत्तरः १०१ (१०१ क्षेत्रमें क्षेत्र आश्रयी १०१
भेद हैं. (७६) प्रश्नः समूर्छिम मनुष्यमें अपर्याप्ता और पर्याप्ता
ऐसे दो भेद हैं या नहीं ? उत्तरः नहीं है क्योंकि वे अपर्याप्तावस्थामें ही
__मर जाते हैं. (८०) प्रश्नः समूर्छिम मनुष्यमें कितनी पर्याप्ति पावें ?
उत्तरः चार ( पहलेकी) .. (८१) प्रश्नः मनुष्यके. कुल , भेद कितने हैं ?
(विस्तारसे) . . . उत्तरः ३०३ (१०१ नेत्रके गर्भज. मनुष्यके
अपर्याप्ता. बं पर्याप्ता और १०१ क्षेत्रके समूहिम मनुष्य के अपर्याप्ता मिल कर ३०३)