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खाने वाले के लिये यह पाप किया जाता
है जिससे वे भी पाप में भागी बनते हैं. (१०) प्रश्नः मक्खन खाने से किस तरह से पाप होता है ? उत्तरः छाछ में से मक्खन निकलने के बाद दो
घड़ी में उसमें दो इन्द्रिय जीवों उत्पन्न हो जाते हैं. यह मक्खन तव अभक्ष्य याने खाने के लिये अयोग्य होजाता है. ताजा मक्खन खाने में तो कोई हरज नहीं है मगर दो घड़ी के वाद मक्खन खाने से उसमें उत्पन्न हुये हुवे दो इन्द्रिय जीव मर जाते हैं जिससे खाने वाले को पाप
लगता है. (११) प्रश्नः श्रावकों को कैसी चीजें खानी चाहिये ? उत्तरः जहांतक वने वहांतक धान्य, कठोळ, दूध,
दही, घी, तेल, साकर, खांड, गोल, अच्छे
और ताजेफल आदि खाना. हरी जहांतक बने कम खाना व अभक्ष्य चीजों से तो वि.
लकुल अलग रहना. (१२) प्रश्नः आटा कैसा वापरना ? उत्तरः ताजा याने थोड़ाअरसा का, क्योंकि कुछ ही
दिन पीछे आटा में जानवर उत्पन्न होजाते
हैं जिससे हिंसा का पाप लगता है अलावा . . खाने वाले की भी तन्दुरस्ती विगड़ जाती है. .. (१३) प्रश्नः कैसा आटा विलकुल ही उपयोग में नहीं
लेना?