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(६) प्रश्नः पुण्य के फल कैसे होते हैं ?
उत्तरः मोठे, जीव को प्रियकारी. (७) प्रश्नः पाप के फल कैसे होते हैं ?
___ उत्तरः कड़वे, जीवको कष्टकारी. (८) प्रश्नः जो राजा होवे क्या वह रंक भी हो जाता है ? ... उत्तरः हां। उसके पाप कर्म के उदय से वह रंक
भी हो जाता है. . (६) प्रश्नः तव रंक क्या राजा होजाता है ? उत्तरः हां। पुण्य के उदय होने से रंक भी राजा हो
जाता है. (१०) प्रश्नः पुण्य पापका उदय होना किसको कहते हैं ? उत्तरः किये हुये पुण्य व पापका जब अपन को
नतीजा मिलता है याने उसके अच्छे बुरे फल जब अपन भोगते हैं तब उसका उदय हुवा ऐसा कहा जाता है. (जैसे वृक्ष योग्य समय पर ही फल देते हैं वैसे ही अच्छ चुरे कर्म भी. योग्य समय पर ही उदय
होते हैं.-फलदाता होते हैं :). (११) प्रश्नः आज अपन जो पुण्य या पाप करें वह
कर उदय होवे ? .. . . उत्तरः कई कर्म ऐसे होते हैं कि जो आज के किये
हुये आज ही फल देते हैं, और कई कर्म