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________________ ( २१ ) ( ६ ) प्रश्नः वारस का पानी कैसा होता है ? उत्तरः संचेत. ( ७ ) प्रश्नः उत्तर: सचेत पानी अचेत कैसे होता है ? गरम करने से या अचेत करसके ऐसी चीज भीतर डालने से. ( ८ ) प्रश्न: कौन चीज पारंगी को अचेत कर सकती है? उत्तरः वानी, रज, मनका. केरी आदि मनका, केरी आदि धोने से पानी अचेत हो जाता है. ( 2 ) प्रश्न: साधुजी सचेत पानी को लेंते क्यों नहीं हैं ? उत्तरः पानी के जीवों की दया के लिये. (१०) प्रश्नः पानी के जीव की दया के लिये और क्या करते हैं ? उत्तरः चौमासा में एकही गांव में ठहरते हैं व वाररा में गोचरी के लिये भी जाते नहीं हैं. (११) प्रश्न: साधुजी खुराक कैसा खाते हैं ? उत्तरः श्रचेत. (१२) प्रश्न: रोटी सचेत या अचेत ? उत्तरः अचेत. (१३) प्रश्नः शाक भाजी सचेत है या अचेत ? उत्तरः कधी हरी सचेत होती है व रांधी हुई हरी अचेत हो जाती है. (१४) प्रश्न: पकाने से हरी कैसे अत हो जाती है ? उत्तरः अग्नि के संयोग से सब जीवों मरजाते हैं. (१५) प्रश्नः कच्ची हरी साधुजी खाते हैं ? -
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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